दिल्ली में झारखंड की बेटियों न तो खाना मिलता था और न ही आराम...पढ़ें खबर

काम और बेहतर भविष्य की तलाश में झारखंड से दिल्ली आई दो बहनों को पुलिस और एनजीओ की मदद से मुख्त कराया गया है। खूंटी (झारखंड) की रहने वाली दोनों बहनों को वसंतकुंज नॉर्थ इलाके में कैद करके रखा गया था।

By Amit MishraEdited By: Publish:Tue, 03 Nov 2015 06:20 PM (IST) Updated:Wed, 04 Nov 2015 07:58 AM (IST)
दिल्ली में झारखंड की बेटियों न तो खाना मिलता था और न ही आराम...पढ़ें खबर

नई दिल्ली। काम और बेहतर भविष्य की तलाश में झारखंड से दिल्ली आई दो बहनों को पुलिस और एनजीओ की मदद से मुख्त कराया गया है। खूंटी (झारखंड) की रहने वाली दोनों बहनों को वसंतकुंज नॉर्थ इलाके में कैद करके रखा गया था।

झारखंड की रहने वाली ये दोनों बहनें जुलाई से यहां काम कर रहीं थी। दोनों बहनें आदिवासी समुदाय और गरीब परिवार से हैं। गरीबी से तंग आकर दोनों नौकरी की तलाश में दिल्ली आई थीं।

जिस घर से दोनों लड़कियो को छुड़ाया गया है, वह गुड़गांव के एक बड़े व्यवसायी का है। दोनों लड़कियों ने घर के लोगों की यातना से तंग आकर एनजीओ शक्ति वाहिनी का नंबर प्राप्त कर फोन किया था, जिसके बाद ही दोनों बहनों को मुक्त कराने में सफलता मिल सकी।

बड़ी बहन के मुताबिक पहले वह दिल्ली में काम करने आई थी, जिसके बाद एक प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से उसे घर में काम मिल गाय। शुरु में घर के लोगों का व्यवहार ठीक था, जिसके बाद उसने अपनी छोटी बहन को भी बुला लिया। पीड़िता ने बताया कि धीरे-धीरे घर के लोगों का व्यवहार बदल गया और उन्हें न तो भरपेट खाना मिलता था और न ही आराम। काम करवाने के बाद दोनों बहनों को एक कमरे में बंद कर दिया जाता था।

पुलिस के मुताबिक दोनों लड़कियों को शक्ति वाहिनी संस्था व दिल्ली महिला आयोग के सहयोग से छापेमारी कर छुड़ाया गया। एक की उम्र 20 साल व दूसरी की उम्र 18 साल है। फिलहाल पुलिस ने दोनों बहनों महिला आश्रय में भेजते हुए प्लेसमेंट एजेंसी और व्यवसायी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।

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