High Court : अब दिल्‍ली की सड़कों पर नहीं चलेगी ओला कैब

हाईकोर्ट ने दिल्‍ली में ओला कैब के संचालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। बुधवार को कोर्ट ने इससे जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोर्ट इस मामले में अपने पुराने रुख पर कायम है। ओला कैब संचालित करने वाली कंपनी एएनआई टेक्नालॉजीज प्राइवेट लिमिटेड पर

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Wed, 29 Jul 2015 04:55 PM (IST) Updated:Wed, 29 Jul 2015 05:32 PM (IST)
High Court : अब दिल्‍ली की सड़कों पर नहीं चलेगी ओला कैब

नई दिल्ली । हाईकोर्ट ने दिल्ली में ओला कैब के संचालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। बुधवार को कोर्ट ने इससे जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोर्ट इस मामले में अपने पुराने रुख पर कायम है। ओला कैब संचालित करने वाली कंपनी एएनआई टेक्नालॉजीज प्राइवेट लिमिटेड पर भी यह फैसला लागू होगा।

कोर्ट ने निर्देश दिया कि दिल्ली में केवल सीएनजी चालित टैक्सियां ही चलाई जाएं। इनमें जीपीएस लगा हो और जिनके पास राजधानी में चलाने का लाइसेंस हो।

कोर्ट ने इसके पूर्व इस मामले की सुनवाई करते हुए ओला कैब संचालित करने वाली कंपनी एएनआई टेक्नालॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के वकील से पूछा था कि ‘आप 1 जनवरी के आदेश के बाद कैसे अपनी सेवा चला रहे हैं ? कोर्ट ने कहा था कि जब इस आदेश पर कोई रोक नहीं लगी है तो फिर उसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा ?’

AAP ने भी कसी थी नकेल

मोबाइल ऐप के आधार पर चलने वाली टैक्सी संचालक कंपनियों उबर और ओला आदि पर नकेल कसते हुए आप सरकार ने इन कंपनियों को निर्देश दिया था कि केवल सीएनजी चालित टैक्सियां चलाई जाएं। इनमें जीपीएस लगा हो और जिनके पास राजधानी में चलाने का लाइसेंस हो।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता और महिलाओं की सुरक्षा से समझौता नहीं करने का फैसला करते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार ने यह भी तय किया है कि ऐप आधारित टैक्सी संचालक अगर उसके दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते तो वह उनके खिलाफ अदालत में जाएगी।

80 प्रतिशत से ज्यादा टैक्सियां डीजल की

दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि हमने उबर, ओला कैब द्वारा दिए गए आंकड़ों का सत्यापन किया और पता चला कि उनकी 80 प्रतिशत से ज्यादा टैक्सियां डीजल से चलती हैं, जिनसे दिल्ली की वायु में बहुत प्रदूषण होता है। उस वक्त उन्होंने कहा था कि, ‘हम दिल्ली में किसी कीमत पर ऐसी टैक्सी नहीं चलाने देंगे। उबर और ओला को अपनी सभी टैक्सियों को सीएनजी से चलाना होगा। सरकार प्रदूषण के मुद्दे पर समझौता नहीं कर सकती।’

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