जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग में सिखों को प्रतिनिधित्व देने की मांग

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जम्मू कश्मीर लोक सेवा आयोग में सिखों को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करने की मांग की। डीएसजीपीसी अध्यक्ष मनजिदर सिंह सिरसा का कहना है कि आयोग में एक भी सिख नहीं है जिससे लोगों में रोष है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 11:59 PM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 06:12 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग में  सिखों को प्रतिनिधित्व देने की मांग
जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग में सिखों को प्रतिनिधित्व देने की मांग

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली:

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग में सिखों को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करने की मांग की। डीएसजीपीसी अध्यक्ष मनजिदर सिंह सिरसा का कहना है कि आयोग में एक भी सिख नहीं है, जिससे लोगों में रोष है।

पाकिस्तान से आकर दिल्ली में रह रहे हिदू शरणार्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को सिरसा के साथ गृह मंत्री से मिला था। इन्हें जल्द भारत की नागरिकता देने की मांग की गई थी। उसी दौरान जम्मू-कश्मीर में सिखों की समस्या हल करने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में रोजगार, आरक्षण, अन्य सुविधाएं तथा अल्पसंख्यक का दर्जा देने में सिखों के साथ भेदभाव होता रहा है। सिखों ने घाटी में आतंकियों से जमकर लोहा लिया है। उन्होंने वहां से पलायन नहीं किया। देश की एकता अखंडता को बनाए रखने में सिखों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, फिर भी उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि लंबे समय से जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग में सिख समुदाय के एक सदस्य को मनोनीत किया जाता रहा है। इस परंपरा को नकाराते हुए वहां के उपराज्यपाल द्वारा 24 जून को जारी अधिसूचना में एक भी सिख को सदस्य नहीं बनाया गया है। उन्होंने आयोग सहित सभी संवैधानिक संस्थाओं में सिखों को उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग की।

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