देश की एकता और अखंडता सर्वोपरि: उपराष्ट्रपति
सब हैड - संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु का उत्सव मनाना आजादी नहीं : वेंकैया नायडू जागरण संव
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि देश की एकता और अखंडता सर्वोपरि है। इससे किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता। दिल्ली विश्वविद्यालय के 95वें दीक्षा समारोह में सोमवार को बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि आजादी का मतलब ये नहीं है कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु का रात में उत्सव मनाया जाए। उन्होंने आजादी, राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर भी कई बातें छात्रों से कहीं।
देश की विविधता में एकता ही हमारी विशेषता : वेंकैया नायडू ने कहा कि हमारे देश की विविधता में एकता है, ये ही हमारी विशेषता है। राष्ट्रवाद का मतलब ये नहीं कि भारत माता की जय के लिए उनकी तस्वीर पर माला चढ़ाई जाए। भारत माता की जय का मतलब है कि देश के 130 करोड़ लोगों का भला हो। किसी को भी धर्म, समुदाय, भाषा के माध्यम से बांटा नहीं जा सकता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा हासिल करने का मतलब यह नहीं है कि हम कुछ भी कहें। किसी बात पर असहमति हो सकती है। उस पर बहस, चर्चा और फिर निर्णय लें लेकिन बाधा न पहुंचाएं। छात्रों से उन्होंने कहा कि जीवन में माता-पिता, जन्मभूमि , मातृभाषा, देश, और गुरु को हमेशा याद रखें।
शिक्षा तंत्र में बदलाव की जरूरत : उन्होंने कहा कि देश के शिक्षा तंत्र में बदलाव की आवश्यकता है। हमें अपने पाठ्यक्त्रम, पढ़ाने के तरीके, परीक्षा तंत्र, तकनीक के इस्तेमाल के तरीके और अध्ययन के बारे में फिर से विचार करना होगा।
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो : उपराष्ट्रपति ने कहा कि युवाओं को जिज्ञासु बनने की जरूरत है। देश में शिक्षा संस्थानों के बढ़ने के साथ उनके अनुरूप शिक्षा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हो रहा है। हम बढ़ी संख्या में हर साल युवाओं को उपाधि दे रहे हैं लेकिन क्या वे रोजगार पाने में सक्षम हैं? इसकी वजह है, हमारा वर्तमान शिक्षा तंत्र जो हर छात्र में मौजूद कुदरती क्षमता को पहचानने में विफल है।
सपनों को सीमाओं में न बांधें : वेंकैया नायडू ने छात्रों से कहा कि अपने सपनों को सीमाओं में नहीं बाधना। मेरी शुरू से इच्छा थी कि मैं डीयू या बनारस विश्वविद्यालय का छात्र रहूं। लेकिन यह संभव नहीं हो सका क्योंकि मैं जब छोटा था तो मा की मृत्यु हो गई और पिता नहीं चाहते थे कि मैं पढ़ाई के लिए कहीं दूर जाऊं। आज मैं गर्वान्वित हूं कि मैं आप लोगों के समक्ष हूं। बाक्स
168 छात्रों को मेडल से नवाजा
समारोह में 168 छात्रों को मेडल और पुरस्कार प्रदान किए गए। गणित (बीएससी ऑनर्स) जैसे पाठ्यक्रम में पहले स्थान पर रहने वाली सेट स्टीफंस कॉलेज की छात्रा गरिमा थरेजा को माखन लाल गोल्ड मेडल, राय बहादुर बृजमोहन लाल साहेब मेमोरियल गोल्ड अवार्ड और श्री सुरेश भाटिया मेमोरियल गोल्ड अवार्ड से नवाजा गया।
गरिमा थरेजा ने 2600 में से 2549 अंक प्राप्त कर विश्वविद्यालय में टॉप किया है। मेडल पाने वालों की सूची में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों ने ज्यादा मेडल हासिल किए।
वहीं हंसराज कॉलेज के छात्र रोहित कुमार ने एमए संस्कृत में टॉप किया है। उन्हें डॉ. सीडी देशमुख मेमोरियल गोल्ड मेडल दिया गया। समारोह में 607 पीएचडी छात्रों को डिग्री दी गई। ंडीयू में ऐसा पहली बार हुआ जब सीआइई एक्सपेरिमेंटल बेसिक स्कूल से और डीयू सोशल सेंटर को-एड सेकेंडरी स्कूल मौरिस नगर से कुल 30 वंचित तबके के छात्र दीक्षा समारोह में शामिल हुए। इन सभी को डीयू की तरफ से टेबलेट दिए गए।