अब मिक्स लैंड यूज में नहीं होंगे बार, रेस्त्रां व डिस्कोथेक

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली दिल्ली को बचाने के लिए अब मिक्स लैंड यूज सड़कों पर बार, रेस्त्रां और डिस्को

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jun 2018 09:43 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jun 2018 09:43 PM (IST)
अब मिक्स लैंड यूज में नहीं 
होंगे बार, रेस्त्रां व डिस्कोथेक
अब मिक्स लैंड यूज में नहीं होंगे बार, रेस्त्रां व डिस्कोथेक

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली

दिल्ली को बचाने के लिए अब मिक्स लैंड यूज सड़कों पर बार, रेस्त्रां और डिस्कोथेक नहीं चल सकेंगे। इन्हें रिहायशी क्षेत्रों की कमर्शियल सड़कों पर ही चलाने की मंजूरी दी जाएगी। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के जन सुनवाई बोर्ड ने मास्टर प्लान-2021 में संशोधन की रिपोर्ट तैयार कर ली है। यह रिपोर्ट मंगलवार को राजनिवास में होने वाली डीडीए बोर्ड की बैठक में रखी जाएगी। रिपोर्ट को मंजूरी मिलना तय माना जा रहा है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रस्तावित संशोधनों पर लोगों को अपनी आपत्तियां एवं सुझाव देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था। इसके बाद 12 से 14 जून तक जन सुनवाई की प्रक्रिया चली। इस जन सुनवाई के दौरान प्रबुद्ध नागरिकों ने रिहायशी कॉलोनियों में बड़ी संख्या में चल रहे बार, डिस्कोथेक और रेस्त्रां पर खासी आपत्ति जाहिर की थी। उनका कहना था कि यहां पर रात तक सेवाएं दी जाती हैं। इनकी वजह से पार्किंग के अलावा इलाके की शाति भंग होती है। यही वजह है कि नागरिकों की मांग पर इसे भी जन सुनवाई बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में शामिल कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक, मिक्स लैंड यूज व ऐसी जगह जहा नीचे कमर्शियल है और ऊपर रिहायशी क्षेत्र, वहा पर डिस्कोथेक, रेस्त्रां और बार की मंजूरी नहीं दी जाएगी। इसके अलावा इस रिपोर्ट में पूर्व में दिए गए तीनों प्रस्तावों को भी शामिल किया गया है। इसमें फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को 180 से बढ़ाकर 350 करना, कंवर्जन चार्ज 10 गुना से कम कर दो गुना करना और 12 मीटर चौड़ी सड़कों पर कृषि गोदामों को नियमित करना शामिल है। डीडीए बोर्ड की बैठक उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में होगी। यदि बोर्ड बैठक में इस प्रस्तावों को मंजूरी मिल जाती है तो अधिसूचना के लिए फाइल केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भेजी जाएगी। इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट की अनापत्ति भी लेनी होगी। हालांकि डीडीए ने इस बार पूरी कोशिश की है कि सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट से संतुष्ट हो और सीलिंग से व्यापारियों को राहत मिल जाए।

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