नाग ने डसा, तांत्रिक के फेर में उलझे परिजन, नहीं किया बच्‍चे का संस्‍कार

दादरी के जारचा गांव में सांप के काटने से हुई मौत के बाद एक दस वर्षीय बच्‍ची के जिंदा हाेने की आस लगा कर परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार अभी तक नहीं किया है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sat, 01 Aug 2015 12:09 PM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2015 09:29 PM (IST)
नाग ने डसा, तांत्रिक के फेर में उलझे परिजन, नहीं किया बच्‍चे का संस्‍कार

दादरी [राजीव वशिष्ठ] । दादरी के जारचा गांव में सांप के काटने से हुई मौत के बाद एक दस वर्षीय बच्ची के जिंदा हाेने की आस लगा कर परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार अभी तक नहीं किया है।

राष्ट्रीय राजधानी से सटे ग्रेटर नेाएडा के दादरी में अभी भी लोग अंधविश्वास के साये में जी रहे हैं। गुरुवार की शाम को जारचा के रसूलपुर गांव में साक्षी नाम के दस वर्षीय बच्ची को आलमारी के नीचे बैठे सांप के जोड़े ने डस लिया।

सांप काटने के तुरंत बाद परिजन ने साक्षी को दादरी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।

परिजन को डाक्टर पर विश्वास नहीं हुआ। वह मुरादाबाद, हापुड़, मेरठ व हरिद्वार तक के तांत्रिक व सपेरे को बुला कर साक्षी के शरीर से सांप का जहर निकलवा कर जिंदा कराने का प्रयास कर रहे हैं।

परिजन ने सपेरों की मदद से एक सांप को पकड़वा दिया। साक्षी के शव को प्यावली नहर के पानी में लकड़ी में बांध कर डुबा रखा है। परिजन अंधविश्वास के कारण अब तक कई तांत्रिक से संपर्क साध कर उसे जिंदा कराने का प्रयास कर चुके हैं। लेकिन अभी तक उम्मीद की कोई किरण दिखाई नहीं दी है।

इधर, सपेरे ने एक सांप को पकड़ लिया है, जबकि दूसरा सांप अपने जोड़े को पीडि़त के घर के आसपास तलाश रहा है। इस सांप के बार-बार आने से परिजन काफी सहमें हुए हैं।

हैरत की बात है कि इस मामले में अभी तक न तो पुलिस ने शव को अंतिम संस्कार कराने का प्रयास किया है न ही ग्रामीण परिजन को अंतिम संस्कार कराने के लिए जागरूक कर रहे हैं। परिजन चौबीस घंटे बीत जाने के बाद भी शव को जिंदा होने की उम्मीद लिए बैठे हैं।

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