उधार की सांसों पर दम तोड़तीं कैट्स एंबुलेंस

-संचालक कंपनी पर पेट्रोल पंपों का भारी भरकम है बकाया -पेट्रो कार्ड की सुविधा समाप्त हो

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Sep 2018 09:13 PM (IST) Updated:Mon, 17 Sep 2018 03:19 AM (IST)
उधार की सांसों पर दम तोड़तीं कैट्स एंबुलेंस
उधार की सांसों पर दम तोड़तीं कैट्स एंबुलेंस

रणविजय सिंह, नई दिल्ली

हादसा पीड़ितों व गंभीर मरीजों को एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग कितना गंभीर है इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि कैट्स एंबुलेंस उधार के डीजल से सड़कों पर रफ्तार भरती हैं। कैट्स एंबुलेंस की संचालक कंपनी पर भारी भरकम बकाया होने के कारण पेट्रोल पंपों ने उधार में डीजल देने से इन्कार कर दिया। इस वजह से करीब 100 एंबुलेंस सड़क पर नहीं उतर पाई।

इस वजह से गंभीर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कैट्स एंबुलेंस सेवा के अधिकारी रविवार को इस समस्या का हल निकालने में जुटे रहे।

असल में कैट्स एंबुलेंस सेवा के निजीकरण से पहले एंबुलेंस के चालकों को विभाग की तरफ से पेट्रो कार्ड दिए गए थे। उस कार्ड के सहारे वे एंबुलेंस में तेल भरवाते थे। बताया जा रहा है कि यह तरीका इतना पारदर्शी था कि महीने में एंबुलेंस में कितना डीजल इस्तेमाल हुआ इसकी जानकारी कैट्स एंबुलेंस सेवा के अधिकारी को स्वत: मिल जाती थी। पेट्रो कार्ड उपलब्ध होने से तेल खत्म होने पर चालक किसी भी पेट्रोल पंप से तेल भरवा लेता था। इसलिए परिचालन कभी प्रभावित नहीं होता था।

वर्ष 2016 में कैट्स एंबुलेंस सेवा का निजीकरण कर उसके संचालन व रखरखाव की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दे दी गई है। बताया जा रहा है कि निजी कंपनी ने दिल्ली भर में सात-आठ पेट्रोल पंपों से तेल लेने के लिए अपने प्वाइंट बनाए हैं। वहां से एंबुलेंस कर्मचारी उधार में तेल लेते हैं।

कैट्स एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी बताते हैं कि यह हाल तब है जब विभाग संचालक कंपनी को हर महीने करीब सवा करोड़ रकम भुगतान करता है। जिससे कर्मचारियों का वेतन व एंबुलेंस में तेल का खर्च इत्यादि निकल सके। इसके बावजूद कर्मचारियों के वेतन भुगतान में देरी की जाती है। इसके अलावा विभिन्न पेट्रोल पंप का भी भारी भरकम बकाया है। कैट्स के बेड़े में करीब 265 एंबुलेंस हैं।

कैट्स एंबुलेंस सेवा के प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि यह सही है कि तेल नहीं मिल पाने के कारण कई एंबुलेंस सड़क पर नहीं उतर पाई हैं। पर उनकी संख्या 100 नहीं है। उन्होंने कहा कि संचालक कंपनी के अधिकारियों से बातचीत चल रही है। देर शाम तक सभी एंबुलेंस सड़क पर उतर जाएंगी।

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