गाजियाबाद : ब्रजपाल तेवतिया पर जानलेवा हमले की जांच करेगी दिल्‍ली पुलिस

भाजपा नेता ब्रजपाल तेवतिया पर मुरादनगर में हुए जानलेवा हमले के मामले की जांच में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की दो टीमें जुट गई हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 16 Aug 2016 08:13 AM (IST) Updated:Tue, 16 Aug 2016 11:59 AM (IST)
गाजियाबाद : ब्रजपाल तेवतिया पर जानलेवा हमले की जांच करेगी दिल्‍ली पुलिस

नई दिल्ली (जेएनएन)। भाजपा नेता ब्रजपाल तेवतिया पर मुरादनगर में हुए जानलेवा हमले के मामले की जांच में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की दो टीमें जुट गई हैं। स्पेशल सेल के उन दो इंस्पेक्टरों के नेतृत्व में टीम गठित की गई है, जिन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े गैंगस्टरों के बारे में अच्छी जानकारी है।

सूत्रों की मानें तो स्पेशल सेल के अधिकारियों को ब्रजपाल तेवतिया पर जानलेवा हमले के मामले में सबसे अधिक शक कवि नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले महरौली गांव निवासी कुख्यात मनोज पर है, क्योंकि हमले के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने जब उसके घर पर छापा मारा था तो वह नहीं मिला था।

BJP नेता पर जानलेवा हमले में आया मनोज व शेखर का नाम!

अगले दिन उसके मोबाइल की लोकेशन जयपुर में मिली थी। लोकेशन से पता चला कि गाजियाबाद से भागकर वह जयपुर चला गया और वहां उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया। इसके बाद से पुलिस को उसकी लोकेशन के बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है।

बागपत से जुड़े हमले के तार

भाजपा नेता ब्रजपाल तेवतिया पर हुए कातिलाना हमले के तार बागपत से भी जुड़े दिखाई दे रहे हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि हमले से पहले बदमाश बागपत के एक गांव में एकत्र हुए थे और वहां से वह मुरादनगर के लिए रवाना हुए।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हमले वाले दिन बागपत के इस गांव में बदमाशों की मूवमेंट देखी गई थी। हमले के बाद बदमाशों के वाहन कुछ देर के लिए उसी गांव में वापस पहुंचे थे, लेकिन इस दौरान उनमें बदमाश नहीं थे। इस तरह का इनपुट मिलने के बाद पुलिस की टीमें बागपत के कई गांवों में दबिश दे रही हैं।

पुलिस को अंदेशा है कि वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश अन्य साधनों से अपने ठिकाने की तरफ फरार हो गए और वारदात में शामिल वाहनों को बागपत के रास्ते हरियाणा या पंजाब भेज दिया गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस वारदात को अंजाम दिलाने में मनोज जाट व शेखर के अलावा अन्य कई लोगों की भूमिका भी रही है। पुलिस उनकी भी जांच कर रही है। पुलिस ने इस मामले में अन्य कई लोगों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

यह भी जानकारी मिली है कि एक करोड़ रुपये की सुपारी में बदमाशों ने 15 लाख रुपये में केवल असलहे खरीदे थे। इनमें एके-47, कार्बाइन व नाइन एमएम की पिस्टल शामिल थी। इसके अलावा 20 लाख रुपये में वाहनों का प्रबंध किया गया था। जिस गांव में पुलिस को बदमाशों की मूवमेंट का पता चला हैं वहां से मिली जानकारी के अनुसार बदमाशों के पास तीन कार थीं।

पुलिस मामले के पर्दाफाश के काफी करीब तो पहुंच चुकी है लेकिन अभी इधर-उधर से मिल रहे इनपुट्स पर काम कर रही है। पुलिस की टीमें मनोज जाट व हरियाणा के हिस्ट्रीशीटर जिसने भाजपा नेता की हत्या की सुपारी ली थी, उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं।

38 फॉर्च्यूनर कार पुलिस की जांच में

भाजपा नेता पर हमले में शामिल रहीं फॉच्यरूनर कारों का पता लगाने के लिए पुलिस दिल्ली एनसीआर समेत पंजाब व हरियाणा की कारों के बारे में कुंडली खंगाल रही है। अभी तक जांच में 38 ऐसी कार आई हैं जो या तो लूटी गई हैं या चोरी की गई हैं। इन सभी कारों को पुलिस रडार पर ले रही है।

दरअसल बदमाश वारदात के बाद एक कार तो घटना स्थल से कुछ दूरी पर छोड़कर भाग गए थे और दूसरी कार अभी नहीं मिली है। पुलिस इस बात का अंदेशा जता रही है कि हमले में प्रयुक्त दूसरी कार भी चोरी या लूट की रही होगी।

कई लोगों ने मिलकर दी थी सुपारी की रकम

पुलिस जांच में यह बात भी सामने आ रही है सुपारी की भारी भरकम रकम का अकेले मनोज जाट प्रबंध नहीं कर सकता। सुपारी की इस रकम के लिए उसके साथ ब्रजपाल के दूसरे दुश्मन भी आए होंगे और इसके बाद इस रकम का इंतजाम हो सका। मनोज के साथ कौन-कौन लोग जुड़े हैं, पुलिस ने इसका पता लगाने के लिए भी जांच तेज कर दी है।

केंद्रीय मंत्री ने की सीबीआइ जांच की मांग

केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एवं सांसद वीके सिंह ने कहा है कि भाजपा नेता ब्रजपाल तेवतिया पर हुए हमले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए। उन्होंने इस घटना को दुखद बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ चुकी हैं। मेरा मानना है कि सीबीआइ जांच होनी चाहिए।

पूरा घटनाक्रम क्या हुआ, कैसे हुआ कौन थे हमलावर इसकी तह तक जाकर पूरे मामले का पता चल सकेगा। वीके सिंह सोमवार सुबह अपने राजनगर स्थित आवास पर ध्वजारोहण के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान और पाक अधिग्रहित कश्मीर पर पाकिस्तान सबकुछ छुपाता है, लोगों का ध्यान बांटता है।

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