टमाटर की सेहत बिगड़ी, नहीं मिल रहा भाव
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : गर्मी का असर जन जीवन पर तो पड़ रहा है, गमलों में लगे फूल पौधों को भ
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : गर्मी का असर जन जीवन पर तो पड़ रहा है, गमलों में लगे फूल पौधों को भी सुबह शाम पानी देना पड़ रहा है। लेकिन खेतों में खड़े पेड़ पौधे अब तपिश नहीं झेल पा रहे हैं। अभी तक राहत थी कि गेहूं की फसल खेतों में खड़ी थी इसलिए गर्म हवा को रोक लेते थे आस पास खेतों में लगी हरी सब्जियों अच्छी तरह से फल फूल रही थी लेकिन तपिश के कारण विशेषकर टमाटर की फसल मुरझाने लगी है। ऐसे में टमाटर के पौधे से फूल झड़ जा रहे हैं, जिन पौधों में फल आ चुके हैं वे ज्यादा बड़े नहीं हो पा रहे हैं। गुणवत्ता सही नहीं होने से मंडी में भी औने पौने दाम में बिक रहे हैं।
आमतौर पर उत्पादन कम होने पर सब्जियां कम आती हैं लेकिन टमाटर के साथ इसके ठीक विपरीत हो रहा है। गर्मी तेज पड़ने लगी है। इसके पहले की टमाटर की फसल बर्बाद हो किसान कच्चा पक्का जैसा भी टमाटर खेतों से निकल सकता है उसे तोड़कर मंडी में पहुंचाने लगे हैं। इससे मंडी में टमाटर की ढेरी लग गई है। इस तरह से खेतों से निकले टमाटर को स्टॉक नहीं किया जा सकता है इसलिए आढ़ती भी इसे खपाने में लगे हुए हैं। चूंकि इनकी गुणवत्ता नहीं रह गई है ऐसे में किसानों से औने पौने में दामों में ले रहे हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में चौधरी चेतराम सब्जी मंडी के सचिव राजकुमार ने कहा कि टमाटर की कीमत पहले की अपेक्षा कम हुई है लेकिन इनकी गुणवत्ता भी नहीं रह गई है। वे बताते हैं कि मंडी में सामान्यत पांच रुपये से 12 रुपये किलो की दर से टमाटर बिक रहे हैं इनसे कुछ ही टमाटर की खेप है जो इनसे बेहतर है जो अधिकतम 20 रुपये किलो की दर से मिल रहा है। अन्य मौसमी सब्जियों की कीमत में भी खास अंतर नहीं आया है।