'नवोदय विद्यालय और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ने छीन लिया बेटा'

संतोष शर्मा, नई दिल्ली दादरी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र आदित्य की असमय मौत से परिजन सदमे

By Edited By: Publish:Thu, 08 Dec 2016 01:07 AM (IST) Updated:Thu, 08 Dec 2016 01:07 AM (IST)
'नवोदय विद्यालय और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ने छीन लिया बेटा'

संतोष शर्मा, नई दिल्ली

दादरी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र आदित्य की असमय मौत से परिजन सदमे में हैं। पिता उपेंद्र सिंह कहते हैं कि आदित्य को बचपन से ही कोई बीमारी नहीं थी। दिवाली पर वह घर भी आया था, लेकिन किसी भी समस्या के बारे में नहीं बताया। 13 नवंबर को ही वह वापस स्कूल लौटा था। इसके बाद सबकुछ सामान्य चल रहा था। अचानक सोमवार को उन्हें बेटे की मौत की जानकारी मिली। उनका कहना है कि नवोदय विद्यालय प्रशासन ने लापरवाही बरती है। लोकनायक अस्पताल के डॉक्टरों ने भी सही से इलाज नहीं किया, जिसके कारण उसकी मौत हुई। मौत के सही कारणों का पता लगाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उन्होंने मेडिकल बोर्ड से आदित्य का पोस्टमार्टम कराने की मांग की है। परिजन आदित्य के पोस्टमार्टम के लिए बुधवार को लोकनायक अस्पताल पहुचे थे। प्रतीक्षा सूची की वजह से पोस्टमार्टम बृहस्पतिवार को होगा।

आदित्य की मौसी अंजू व मौसा विक्रम सिंह ने बताया कि वह सोमवार को सोनीपत से लोकनायक अस्पताल आए थे। अस्पताल में आदित्य को पहले आइसीयू में रखा गया था, लेकिन आधे घंटे में ही ठीक होने की बात कहकर डॉक्टरों ने उसे वार्ड में भेज दिया। डॉक्टरों ने इलाज के दौरान आदित्य को दो इंजेक्शन दिए, लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। उन्होंने डॉक्टरों से आदित्य के बेहतर इलाज की गुहार लगाई। इसके जवाब में डॉक्टरों ने उनसे कहा कि केजरीवाल को बुलाकर ले आओ तब इलाज होगा। उचित इलाज नहीं मिलने पर वे सोमवार दोपहर आदित्य को दूसरे अस्पताल में ले जाने की कोशिश करने लगे। इसी बीच पता चला कि उसने दम तोड़ दिया है।

गौरतलब है कि मूल रूप से छपरा (बिहार) निवासी आदित्य जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा 6 का छात्र था। वह छात्रावास में रहता था। बताया जा रहा है कि उसे कई दिनों से बुखार था। बावजूद इसके नर्स ने उसे ठंडे पानी से नहला दिया। तबीयत बिगड़ने पर उसका सही से उपचार नहीं कराया गया। सोमवार को उसे दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि वहां भी इलाज में लापरवाही बरती गई, जिससे सोमवार को उसकी मौत हो गई। छात्र के परिवार में पिता उपेंद्र सिंह, माता बिंदु देवी और बड़ी बहन रुचि कुमारी हैं। उपेंद्र सिंह गोवा में एक होटल में सिक्योरिटी इंचार्ज हैं।

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पढ़ने में काफी तेज था आदित्य

उपेंद्र सिंह ने बताया कि आदित्य बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज था। इस वजह से कक्षा-1 से ही वह उसे स्थानीय हॉस्टल में पढ़ा रहे थे। छह महीने पहले उसका दाखिला दादरी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में कराया था। वह चाहते थे कि आदित्य अधिकारी बनकर उनके सपने को पूरा करे, लेकिन उनके सारे सपने अधूरे रह गए। परिवार का वारिश चला गया। यह कहते हुए उपेंद्र मायूस हो जाते हैं।

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स्कूल प्रशासन ने नहीं बरती लापरवाही : प्रिंसिपल

रविवार शाम आदित्य के सिर में दर्द हुआ था। उसे स्थानीय डॉक्टर को दिखाया गया था। तबीयत में सुधार नहीं होने पर सोमवार सुबह उसे डिस्ट्रिक्ट अस्पताल ले जाया गया। वहां के डॉक्टरों ने उसे लोकनायक अस्पताल रेफर कर दिया। सोमवार सुबह छात्र को लोकनायक अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हुई। स्कूल के छात्रावास में 550 छात्र-छात्राएं हैं। उनकी देखभाल के लिए नर्स की नियुक्ति की गई है। ज्यादा गंभीर होने पर बाहर के डॉक्टर को दिखाया जाता है। इस मामले में स्कूल प्रशासन ने कोई लापरवाही नहीं बरती है।

-जीएस तोमर, प्रिंसिपल, जवाहर नवोदय विद्यालय

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