रामलीला : रोशनी व रंगों से रंगीन होगी रामलीला

यमुनापार के पुराने रामलीला आयोजकों में से एक है श्री गीता कॉलोनी धाíमक रामलीला कमेटी। इसके बैनर त

By Edited By: Publish:Wed, 14 Oct 2015 05:42 PM (IST) Updated:Wed, 14 Oct 2015 05:42 PM (IST)
रामलीला : रोशनी व रंगों से रंगीन होगी रामलीला

यमुनापार के पुराने रामलीला आयोजकों में से एक है श्री गीता कॉलोनी धाíमक रामलीला कमेटी। इसके बैनर तले प्रस्तुत होने वाली रामलीला का उद्देश्य पौराणिक पहलुओं को युवाओं के बीच साझा करना है। वर्ष 1958 में युवाओं की कुछ संगठित टोली ने रामलीला कमेटी को जो अस्तित्व दिया। मौजूदा समय आते-आते आज इसके सक्रिय सदस्यों की संख्या 50 के पार पहुंच चुकी है। आयोजकों का दावा है कि दृश्य संवाद और अभिनय के मेल से जीवंत प्रस्तुति से अपने धाíमक विरासत को संजोने की पहल कर रहे हैं।

आकर्षक............

रामलीला की सबसे बड़ी विशेषता तकनीक के जरिये दृश्यों को जीवंत रूप देने की कोशिश से जुड़ी है। आयोजकों के मुताबिक, यहां दृश्य के मुताबिक मंच पर प्रकाश का विशेष ध्यान रखा जाता है। रंगों को बखूबी मिश्रित करने के लिए रिफ्लेक्टर की तकनीक का सहारा लिया जाता है। दूसरी खासियत इस रामलीला मंचन को दूसरे आयोजनों से अलग करती है। आयोजकों का दावा है कि क्षेत्र में आयोजित होने वाले लीला मंचनों में जहां संवाद बैकस्टेज से बोला जाता है। कलाकार केवल लि¨प्सग करते हैं, लेकिन गीता कॉलोनी में आयोजित रामलीला में संवाद कलाकार खुद बोलेंगे। आयोजन की एक अन्य विशेषता भी इसे अन्य कमेटियों के लीला मंचन से विशेष बनाती है। यहां मंचन के दौरान अभिनय करने वाले कलाकार कमेटी के ही सदस्य होते हैं, जो नि:शुल्क अभिनय करते हैं।

इस वर्ष खास तैयारियां

आयोजकों के मुताबिक इस बार प्रत्येक दिवस का लीला मंचन अपने साथ एक सामाजिक संदेश को समेटे हुए है। रामलीला के दृश्यों और संवादों के माध्यम से मौजूदा सामाजिक चुनौतियों को लक्ष्य बनाया जाएगा। रामलीला के मंचन के साथ लोगों को जागरूक करने की लीला भी देखने योग्य साबित होगी। वहीं बच्चों की नृत्य प्रतियोगिता भी दर्शकों का पसंदीदा कार्यक्रमों में शुमार है।

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रामलीला की कार्यकारिणी

हमारी कमेटी बेहद पुरानी है। हम लीला मंचन की गुणवत्ता बनाए रखने की पूरी कोशिश करते हैं। पौराणिक कथाओं को सजीव बनाने के साथ वह संदेश युक्त हो इसका प्रयास किया जाता है। हमारी रामलीला कई मायनों में खास है।

संजीव कपूर, उपप्रधान

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भाव संवाद और दृश्य में हमारा कोई सानी नहीं। हम सजीव अभिनय को प्राथमिकता देते हैं। कलाकार संवाद खुद बोलते हैं। मंच सज्जा को खास बनाने के लिए हम तकनीक का प्रयोग करते हैं। कोशिश यही होती है कि दर्शकों को राम के जमाने के दृश्य को प्रदर्शित करने में हम सक्षम हों।

अशोक चोपड़ा, निर्देशक

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लीला मंचन के दौरान दर्शकों का विशेष ख्याल रखा जाता है। उनके लिए सभी आवश्यक सुविधाओं का भी ख्याल रखा गया है। सुरक्षा के विशेष प्रबंध हैं। हमारे मंचन को देखने के लिए आने वाले युवाओं की संख्या कम नहीं होती।

संदीप सचदेवा, सहयोगी

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लीला में आकर्षण के लिए रामलीला के अलावा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति दी जाती है। बच्चों का नृत्य प्रतियोगिता दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है। इसके देखने के लिए लोग दूर तलक से आते हैं।

मोहित सेठी, सहयोगी

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