विभाग लापरवाह, कैसे साफ हो यमुना

रणविजय सिंह, नई दिल्ली जीवनदायिनी यमुना को 2017 तक निर्मल बनाने की बात कही जा रही है। लेकिन इस नदी

By Edited By: Publish:Tue, 07 Jul 2015 01:00 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2015 01:00 AM (IST)
विभाग लापरवाह, कैसे साफ हो यमुना

रणविजय सिंह, नई दिल्ली

जीवनदायिनी यमुना को 2017 तक निर्मल बनाने की बात कही जा रही है। लेकिन इस नदी की सफाई के लिए जमीन पर कुछ होता नजर नहीं आ रहा है। यमुना की सफाई को लेकर यहां के सरकारी महकमे कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि छह महीने में इस नदी में कचरा फेंकने वाले किसी शख्स के खिलाफ जुर्माना नहीं किया जा सका। सरकारी महकमे एक दूसरे पर ठिकरा फोड़ अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं। इतना जरूर है कि नगर निगम ने नालों में कचरा फेंकने वाले 254 लोगों के खिलाफ चालान जरूर किए हैं।

हालांकि, नालों में कचरा फेंकने वालों के खिलाफ भी सुस्ती से ही कार्रवाई हो रही है। नगर निगम का कहना है कि नालों में कचरा फेंकने वालों पर निगरानी के लिए सफाई विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जनवरी में यमुना में कचरा फेंकने वालों के खिलाफ पांच हजार रुपये जुर्माना करने का आदेश दिया था। ताकि यमुना में कचरा फेंकना बंद हो सके। इसके बाद मई में एनजीटी ने नालों में कचरा फेंकने पर भी पांच हजार रुपये जुर्माना करने का आदेश जारी किया था। क्योंकि नालों के जरिए यमुना में ठोस कचरा भी पहुंच रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए ही जुर्माने का प्रावधान किया गया। इसके पीछे सोच यह है कि यदि नालों की गंदगी साफ हो जाए तो यमुना को बहुत हद तक साफ किया जा सकता है।

एनजीटी का यह आदेश जारी होने के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने नालों में कचरा फेंकने पर 170 लोगों के खिलाफ चालान किया है, उन पर कितना जुर्माना होगा यह दंडाधिकारी तय करेंगे। पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने भी 84 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। लेकिन यमुना में कचरा फेंकने वालों के खिलाफ नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके पीछे नगर निगम की दलील यह है कि उनके कार्य क्षेत्र में नदी नहीं आती। उत्तरी व पूर्वी दिल्ली नगर निगम के जनसंपर्क निदेशक योगेंद्र सिंह मान ने कहा कि यमुना में कचरा फेंकने वालों के खिलाफ सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग कार्रवाई करता है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी कहते हैं कि दिल्ली में जमीन का अधिकार डीडीए के पास है। इसलिए डीडीए कार्रवाई कर रहा है। वहीं, डीडीए ने यमुना में कचरा फेंकने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ जुर्माना किए जाने से इन्कार किया है। ऐसे में साफ है कि यहां के सरकारी विभागों में आपसी तालमेल का कितना अभाव है।

यमुना किनारे 37 जगहों पर बनेगा कूड़ाघर

यमुना में कचरा फेंकने पर रोक लगाने के लिए उसके किनारों पर 37 जगह कूड़ाघर बनाए जाएंगे। नगर निगम एवं सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग ने मिलकर जगह की पहचान कर ली है। इस योजना के पीछे मकसद यह है कि लोग नदी में कचरा न फेंककर कूड़ाघर में डालें। वहां से कूड़ा उठाकर नगर निगम उसका निस्तारण करेगा। लेकिन इसमें भी जमीन का पेंच हैं। नगर निगम का कहना है कि सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग से जमीन नहीं मिल पाने के कारण अब तक कूड़ाघर का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है।

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