सियासत की जंग से मजबूत हुए केजरी-नजीब

अजय पांडेय, नई दिल्ली जंग चाहे तलवारों से लड़ी जाए या सियासी दांव-पेंच से, इसमें एक हारता है और स्व

By Edited By: Publish:Tue, 02 Jun 2015 01:10 AM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2015 01:10 AM (IST)
सियासत की जंग से मजबूत हुए केजरी-नजीब

अजय पांडेय, नई दिल्ली

जंग चाहे तलवारों से लड़ी जाए या सियासी दांव-पेंच से, इसमें एक हारता है और स्वाभाविक रूप से दूसरे की जीत होती है। मगर दिल्ली में उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच लड़ी गई अधिकारों की बेहद चर्चित लड़ाई में दोनों जीत दर्ज करने में सफल करार दिए जा रहे हैं।

राजधानी के सियासी गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल प्रचंड बहुमत देने वाले दिल्ली के मतदाताओं को यह संदेश देने में कामयाब रहे हैं कि दिल्ली के हक की खातिर वे किसी से भी टकराने का माद्दा रखते हैं। दूसरी ओर तल्ख तेवर दिखाकर उपराज्यपाल नजीब जंग ने भी अपनी कुर्सी पक्की कर ली है। सियासत की इस लड़ाई में उपराज्यपाल किस कदर मजबूत हुए हैं, इसकी तस्दीक खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में कर दी। सूबे में हुकूमत के हक को लेकर केंद्र द्वारा जारी अधिसूचना पर विधानसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि पूरे देश में राज्यपाल बदले जा रहे हैं ताकि केंद्र सरकार उनके माध्यम से अपना एजेंडा लागू कर सके। दिल्ली में ऐसा इसलिए नहीं किया जा रहा क्योंकि यहां के उपराज्यपाल खुद ही आगे बढ़कर केंद्र की नीतियों पर अमल कर रहे हैं।

जंग को हटाने की रही चर्चाएं

सनद रहे कि पिछले साल से ही रह-रह कर यह चर्चा चलती रही है कि उपराज्यपाल नजीब जंग पद से हटाए जाएंगे। जंग की ताजपोशी केंद्र में कांग्रेसी हुकूमत के दौरान हुई थी, लिहाजा जब केंद्र में मोदी सरकार बनी तो वरिष्ठ भाजपा नेता प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा से लेकर भाजपा से जुड़े कई अन्य नेताओं के नाम इस पद के लिए लिए गए। कयासों का दौर लंबा चला लेकिन जंग की कुर्सी कोई हिला नहीं पाया।

संदेश देने में सफल रहे केजरीवाल

जानकारों का कहना है कि जंग के बहाने केंद्र सरकार से आर-पार की लड़ाई छेड़ कर मुख्यमंत्री केजरीवाल भी यह संदेश देने में सफल रहे हैं कि वह कोई रबर स्टाम्प नहीं हैं। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में 67 सीटें जीतकर मुख्यमंत्री बने हैं, लिहाजा सूबे में हुकूमत उसी प्रकार चलेगी, जिस प्रकार वह चलाएंगे। उन्होंने यह संदेश भी दे दिया कि उनकी सरकार दिल्ली के लोगों की बेहतरी के लिए पूरी ईमानदारी से काम करने में जुटी है लेकिन केंद्र सरकार उपराज्यपाल और दिल्ली पुलिस के माध्यम से उनकी राह में रोड़े अटका रही है। उन्होंने दिल्ली के लोगों को यह समझाने की कोशिश भी की कि अधिकारियों के बीच हड़कंप इसलिए मचा हुआ है क्योंकि उनकी सरकार ने ट्रांसफर-पोस्टिंग की इंडस्ट्री पर ताला जड़ दिया है। बहरहाल, जोरदार सियासी लड़ाई के बाद जंग और केजरी दोनों ने अपना रुतबा जरूर बढ़ाया है लेकिन कहा जा रहा है कि अब दोनों को बेहतर तालमेल से राजधानी की बेहतरी में भी जुटना चाहिए।

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