फाइलें तो मिली, नहीं थमा सियासी घमासान

By Edited By: Publish:Sun, 21 Sep 2014 01:05 AM (IST) Updated:Sun, 21 Sep 2014 01:05 AM (IST)
फाइलें तो मिली, नहीं थमा सियासी घमासान

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली सरकार द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग के 670 करोड़ रुपये राष्ट्रमंडल खेल परियोजनाओं पर खर्च किए जाने से संबंधित गुम हुई फाइल तो सियासी हंगामा मचने के बाद मिल गई है, लेकिन इस पर सियासत अभी जारी है। भाजपा ने उपराज्यपाल से यह बताने को कहा है कि आखिर दो वर्षो तक यह फाइलें कहां छिपाकर रखी गईं थी तथा शीला दीक्षित व अरविंद केजरीवाल सरकार ने इस पर क्या कार्रवाई की थी?

भाजपा का कहना है कि गुम हुई फाइल उसके दबाव की वजह से 24 घंटे के अंदर मिल गई है। इस फाइल को पिछले दो वर्षो से केंद्रीय गृह मंत्रालय और समाज कल्याण मंत्रालय दिल्ली सरकार से मांग रहे थे, लेकिन शीला दीक्षित व अरविंद केजरीवाल की सरकार के बाद पिछले छह माह से उपराज्यपाल नजीब जंग के प्रशासन ने भी इसे दबाए रखा। इससे यह स्पष्ट है कि करोड़ों रुपये की राशि का दुरुपयोग हुआ है।

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने उपराज्यपाल से मांग की है कि केंद्रीय गृहमंत्रालय को जवाब भेजने के साथ ही दिल्ली की जनता को यह स्पष्ट किया जाए कि कांग्रेस व केजरीवाल सरकारों के साथ ही उपराज्यपाल के प्रशासन ने इस मामले में क्या कार्रवाई की थी? दिल्ली की जनता यह भी जानना चाहती है कि अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग का पैसा राष्ट्रमंडल खेलों के बाद उसे वापस किया गया या नहीं?

पत्र का नहीं दिया था जवाब

भाजपा के रुख से यह तय है कि इस मुद्दे पर वह कांग्रेस व आप को घेरने की पूरी कोशिश करेगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार के नाम पर राजनीति करने वाले केजरीवाल ने शीला दीक्षित को बचाने के लिए इस मामले में पिछले वर्ष 30 दिसंबर को केंद्रीय गृहमंत्रालय के पत्र का जवाब नहीं दिया था। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि भ्रष्टाचार के नाम पर वह दिल्ली के लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। इसलिए उनकी हकीकत जनता को बताने के लिए इस मामले को जोरदार ढंग से उठाया जाएगा।

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