चुनावी सर्वे से राजनीति चमकाने में जुटी पार्टियां

By Edited By: Publish:Tue, 26 Aug 2014 10:55 PM (IST) Updated:Tue, 26 Aug 2014 10:55 PM (IST)
चुनावी सर्वे से राजनीति  चमकाने में जुटी पार्टियां

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली के राजनीतिक दल इन दिनों चुनावी सर्वे के खेल में व्यस्त हैं। भाजपा और आम आदमी पार्टी के बाद अब कांग्रेस भी अपनी चुनावी किस्मत का जायजा लेने के लिए सर्वे कराने की तैयारी में है। उत्तराखंड के बाद, बिहार सहित देश के अन्य हिस्सों में हुए विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस की स्थिति मजबूत होने से उत्साहित दिल्ली के पार्टी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस लगातार मजबूत हो रही है और सर्वे कराए जाने से पार्टी की ताकत में हो रहे इजाफे की असली तस्वीर सामने आएगी।

आपको बता दें कि पिछले दिनों आम आदमी पार्टी की चुनावी ताकत जानने के लिए सर्वे किया गया। इसमें निष्कर्ष निकाला गया कि यदि अभी चुनाव कराए जाते हैं तो पार्टी 45 फीसद से ज्यादा वोट लेकर दिल्ली में अपनी सरकार बना लेगी। इस सर्वे से यह संदेश भी दिया गया कि भाजपा की स्थिति खराब हुई है जबकि कांग्रेस की हालत और भी बदतर है। वह एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है। इससे पहले हुए एक अन्य सर्वे में भाजपा को ताकतवर दिखाया गया था। हालांकि लोकसभा के नतीजों के हिसाब से पार्टी के ग्राफ में गिरावट दिखाई गई थी। इस सर्वे में भी कांग्रेस तीसरे नंबर पर दिखाई पड़ी थी।

प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि सर्वे के माध्यम से जानबूझकर कांग्रेस की हालत खराब बताई जा रही है जबकि हकीकत यह है कि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है और पार्टी पहले से काफी मजबूत स्थिति में है। इसीलिए पार्टी चाहती है कि किसी निष्पक्ष एजेंसी से सर्वे कराया जाए ताकि सही हकीकत सामने आ सके।

आपको बता दें कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अकाली दल के साथ मिलकर 70 में से कुल 32 सीटें जीती थीं जबकि लोकसभा चुनाव में सातों संसदीय सीटों पर विजय दर्ज करने के साथ-साथ पार्टी ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से करीब 60 सीटों पर अन्य दलों को पछाड़ दिया था। कांग्रेस एक भी सीट पर आगे नहीं निकल पाई थी। लेकिन उत्तराखंड के बाद बिहार, कर्नाटक, मध्यप्रदेश आदि राज्यों के विधानसभा उपचुनाव से पार्टी उत्साहित है और उसका मानना है कि दिल्ली में भी उसका ग्राफ तेजी से चढ़ रहा है। लिहाजा, चुनावी बनते सियासी माहौल में वह भी अपनी ओर से सर्वे कराएगी ताकि उसे भी अपनी स्थिति का पता चल सके।

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