साल गुजर गया पर नहीं लगा सचिन का महाशतक 

टीम इंडिया के आस्ट्रेलिया में चल रही त्रिकोणीय वनडे सीरीज के फाइनल्स में नहीं पहुंच पाने और एशिया कप में उसका पहला मैच 13 मार्च को होने के कारण अब यह तय हो गया है कि पूरा साल गुजर जाने के बाद भी सचिन तेंदुलकर के नाम पर अंतरराष्ट्रीय मैचों में शतक दर्ज नहीं होगा और इस स्टार बल्लेबाज के करियर में ऐसा पहली बार होगा।

By Edited By: Publish:Sun, 04 Mar 2012 03:31 PM (IST) Updated:Sun, 04 Mar 2012 03:31 PM (IST)
साल गुजर गया पर नहीं लगा सचिन का महाशतक 

नई दिल्ली। टीम इंडिया के आस्ट्रेलिया में चल रही त्रिकोणीय वनडे सीरीज के फाइनल्स में नहीं पहुंच पाने और एशिया कप में उसका पहला मैच 13 मार्च को होने के कारण अब यह तय हो गया है कि पूरा साल गुजर जाने के बाद भी सचिन तेंदुलकर के नाम पर अंतरराष्ट्रीय मैचों में शतक दर्ज नहीं होगा और इस स्टार बल्लेबाज के करियर में ऐसा पहली बार होगा।

तेंदुलकर ने अपना आखिरी शतक विश्व कप 2011 में 12 मार्च को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नागपुर में लगाया था और इसके बाद वह टेस्ट और वनडे में कुल मिलाकर 32 पारियां खेल चुके हैं लेकिन इनमें तिहरे अंक तक नहीं पहुंच पाए। इस बीच उन्होंने आठ अर्धशतक जमाए जिनमें से दो बार 90 रन के पार भी पहुंचे। बांग्लादेश में होने वाले एशिया कप में भारतीय टीम 13 मार्च को श्रीलंका से अपना पहला मैच खेलेगी और तब तक तेंदुलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बिना शतक लगाए 366 दिन पूरा कर लेंगे। यह पहला अवसर है जबकि सचिन 365 या इससे अधिक दिन तक शतक से महरूम रहेंगे।

मास्टर ब्लास्टर बीच में एक बार 34 अंतरराष्ट्रीय पारियों तक शतक नहीं लगा पाए थे लेकिन तब समय इतना लंबा नहीं खिंचा था। तेंदुलकर ने 26 मई 2007 से चार जनवरी 2008 के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 34 ऐसी पारियां खेली थी जिनमें वह तिहरे अंक में नहीं पहुंच पाए थे। उन्होंने तब हालांकि 223 दिन के अंदर ये पारियां खेल ली थी। वह तब कई अवसरों पर नर्वस नाइंटीज के शिकार बने और तीन बार तो 99 रन पर आउट हुए थे। तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद अपना पहला शतक जमाने के लिए भी 272 दिन का समय लिया था। पाकिस्तान के खिलाफ 15 नवंबर 1989 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले सचिन ने अपना पहला शतक 14 अगस्त 1990 को इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में लगाया था।

इसके बाद 1992 में भी 299 दिन तक उनके नाम पर कोई अंतरराष्ट्रीय शतक दर्ज नहीं हो पाया था लेकिन इस बीच बल्लेबाजी के बादशाह ने केवल 11 पारियां ही खेली थी। तेंदुलकर ने वर्तमान दौर से पहले अपने अंतरराष्ट्रीय शतक के लिए सबसे लंबा समय 1995-96 में लिया था। वह तब 315 दिन तक शतक नहीं लगा पाए थे लेकिन इस बीच भारत ने बहुत कम क्रिकेट खेली थी। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सचिन ने इस दौरान केवल दस अंतरराष्ट्रीय पारियां खेली थी। इसके बाद 2004 में भी ऐसा दौर आया था जबकि तेंदुलकर को शतक के लिए 257 दिन तक का इंतजार करना पड़ा था।

माना जा रहा है कि तेंदुलकर को महाशतक का इंतजार समाप्त करने के लिए ही एशिया कप की टीम में शामिल किया गया है। इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट में भारत पहला मैच श्रीलंका से खेलने के बाद अगला मैच 16 मार्च को बांग्लादेश से खेलेगा और फिर 18 मार्च को अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से भिड़ेगा। तेंदुलकर यदि इसमें शतक नहीं लगा पाते हैं तो उनका इंतजार बहुत लंबा खिंच जाएगा क्योंकि इसके बाद भारत जुलाई में ही अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगा। तब भारतीय टीम तीन टेस्ट मैच खेलने के लिए श्रीलंका दौरे पर जाएगी।

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