पर्थ का शतक मेरे करियर का टर्निग प्वाइंट रहा: सचिन

भारतीय दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 1992 में पर्थ की तेज और उछाल भरी पिच पर 114 रन की अपनी पारी को फिर से सर्वश्रेष्ठ करार देते हुए कहा कि वाका में ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजी आक्रमण के सामने खेली गई इस पारी ने उनका मनोबल बढ़ाया और इसके बाद उनका करियर बदल गया। बुधवार को एक कार्यक्रम में स्कूली बच्चों के सा

By Edited By: Publish:Wed, 23 Jul 2014 10:44 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jul 2014 10:46 PM (IST)
पर्थ का शतक मेरे करियर  का टर्निग प्वाइंट रहा: सचिन

मुंबई। भारतीय दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 1992 में पर्थ की तेज और उछाल भरी पिच पर 114 रन की अपनी पारी को फिर से सर्वश्रेष्ठ करार देते हुए कहा कि वाका में ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजी आक्रमण के सामने खेली गई इस पारी ने उनका मनोबल बढ़ाया और इसके बाद उनका करियर बदल गया।

बुधवार को एक कार्यक्रम में स्कूली बच्चों के साथ बातचीत में सचिन ने कहा, 'एक पारी जिसने मेरा करियर बदला या मेरे करियर को दिशा दी वह पर्थ में 1992 की पारी थी। पर्थ को तब सबसे तेज विकेट माना जाता था और ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज इतने खतरनाक थे कि उनसे पार पाना मुश्किल था। तब मैं शतक जड़ने में सफल रहा और उस समय मैं केवल 19 साल का था।' सचिन ने यह प्रतिक्रिया तब दी जब एक छात्र ने उनसे पूछा कि उनके 51 टेस्ट शतकों में से सर्वश्रेष्ठ शतक कौन है।

तेंदुलकर ने कहा, 'और इससे केवल दो मैच पहले मैंने सिडनी में शतक लगाया था, लेकिन वे दोनों अलग-अलग तरह की पिचें थीं। मैं जानता था कि पर्थ का विकेट ऐसा है जैसा मुझे दुनिया में कहीं और नहीं मिलेगा और यदि मैं पर्थ में बल्लेबाजी करके रन बना सकता हूं तो फिर मैं किसी भी पिच पर रन बनाने में सफल रहूंगा।' उन्होंने कहा कि तब मेरे करियर की शुरुआत ही हुई थी। मैंने पिछले दो साल से अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन पर्थ की पारी के बाद मेरा करियर बदल गया क्योंकि मुझे महसूस हुआ कि मैं दुनिया का सामना करने के लिए तैयार हूं। मैं अति आत्मविश्वास में नहीं था, लेकिन मेरा खुद पर विश्वास बढ़ गया और मैं किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार था। सचिन ने टेस्ट क्रिकेट में 51 शतक के अलावा वनडे में 49 शतक लगाए हैं।

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