शिवलाल से संबंधों को सार्वजनिक करें जस्टिस पटेल: पवार

मुंबई। बीसीसीआइ के पूर्व प्रमुख शरद पवार चाहते हैं कि आइपीएल भ्रष्टाचार प्रकरण की जांच के लिए बोर्ड द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच पैनल के सदस्य न्यायमूर्ति जेएन पटेल बोर्ड के अंतरिम अध्यक्ष शिवलाल यादव के साथ अपने कथित संबंधों पर स्थिति साफ करें। पवार ने हितों के टकराव का हवाला देकर जांच समिति में पूर्व भारतीय कप्तान रवि शास्त्री

By Edited By: Publish:Mon, 21 Apr 2014 05:33 PM (IST) Updated:Mon, 21 Apr 2014 05:36 PM (IST)
शिवलाल से संबंधों को सार्वजनिक करें जस्टिस पटेल: पवार

मुंबई। बीसीसीआइ के पूर्व प्रमुख शरद पवार चाहते हैं कि आइपीएल भ्रष्टाचार प्रकरण की जांच के लिए बोर्ड द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच पैनल के सदस्य न्यायमूर्ति जेएन पटेल बोर्ड के अंतरिम अध्यक्ष शिवलाल यादव के साथ अपने कथित संबंधों पर स्थिति साफ करें। पवार ने हितों के टकराव का हवाला देकर जांच समिति में पूर्व भारतीय कप्तान रवि शास्त्री की मौजूदगी का भी विरोध किया।

पवार ने कहा कि मुझे लगता है कि पटेल को निश्चित तौर पर खुलासा करना चाहिए कि वह बीसीसीआइ के अंतरिम अध्यक्ष शिवलाल यादव के रिश्तेदार हैं या नहीं। अगर ऐसा नहीं है तो बीसीसीआइ को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और इस तरह की चर्चा नहीं होने देनी चाहिए। कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश पटेल, शास्त्री और सीबीआइ के पूर्व निदेशक आरके राघवन के नाम को रविवार को यहां कार्यसमिति की आपात बैठक के दौरान बोर्ड सदस्यों ने स्वीकृति दी थी। इनके नाम स्वीकृति के लिए उच्चतम न्यायालय को दिए जाएंगे जो आइपीएल प्रकरण की जांच कर रहा है। इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। पवार ने कहा कि मैं निजी तौर पर उन्हें (पटेल) नहीं जानता लेकिन अगर यह खबर सही है तो मुझे लगता है कि खुलासा करना उनकी जिम्मेदारी है। मुझे बीसीसीआइ के किसी सदस्य ने फोन पर बताया कि जेएन पटेल नाम के न्यायाधीश हैं। मुझे पता है कि वह बेहद ईमानदार न्यायाधीश हैं। उन्होंने कई मुश्किल जिम्मेदारियां लीं और काफी अच्छा काम किया।

पवार ने कहा कि असल मुद्दे की मुझे जानकारी नहीं थी। आंध्र प्रदेश से आज सुबह किसी ने मुझे फोन किया और कहा कि बीसीसीआइ के अंतरिम अध्यक्ष शिवलाल यादव और पटेल करीबी रिश्तेदार हैं। जीजा-साला या ऐसा ही कुछ और। मुझे नहीं पता। उन्होंने कहा कि अगर खबर सही है तो लोग फैसला करेंगे। आम तौर पर मैंने देखा है कि अगर कोई वकील न्यायाधीश का करीबी है तो न्यायाधीश तुरंत उस मामले से हट जाता है। पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष ने कहा कि न्यायमूर्ति पटेल की प्रतिष्ठ को देखते हुए वह इस तरह की चीजें नहीं होने देंगे।

पूर्व आइसीसी पवार ने साथ ही जांच पैनल के सदस्य के तौर पर शास्त्री की पात्रता पर भी सवाल उठाया क्योंकि बीसीसीआइ के साथ वित्तीय अनुबंध होने के कारण उनके हितों में टकराव हैं। उन्होंने कहा कि रवि शास्त्री अच्छे खिलाड़ी हैं। जब मैं बीसीसीआइ प्रमुख (2005 से 2008) था तो हमने उनके और सुनील गावस्कार के साथ अनुबंध किया था इसलिए उनका बीसीसीआइ के साथ वित्तीय अनुबंध है। अब कोई कहता है कि आखिर ऐसा व्यक्ति जिसका बीसीसीआइ के साथ वित्तीय अनुबंध है वह बीसीसीआइ प्रमुख से जुड़ी जांच समिति का हिस्सा कैसे बन सकता है। पवार ने कहा कि शास्त्री की ईमानदारी को लेकर मुझे कोई अंदेशा नहीं है लेकिन निश्चित तौर पर कोई भी इस मुद्दे को उठा सकता है इसलिए कोई समझदार व्यक्ति इससे (जांच पैनल) दूर रहने की कोशिश करेगा।

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