आयरलैंड के बल्लेबाज ने लिया संन्यास, विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ 50 गेंद पर ठोका था शतक

आयरलैंड के लिए 15 साल तक खेलने के बाद अब मुझे लगता है यह सही समय है जब मुझे वनडे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करना चाहिए। यह मेरे लिए बहुत ही सम्मान की बात रही कि मैंने 153 मुकाबलों में अपने देश की तरफ से खेलने उतरा।

By Viplove KumarEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:46 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 09:24 PM (IST)
आयरलैंड के बल्लेबाज ने लिया संन्यास, विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ 50 गेंद पर ठोका था शतक
इंग्लैंड के बल्लेबाज केविन ओ ब्रायन ने लिया संन्यास - फोटो ट्विटर पेज

नई दिल्ली, जेएनएन। आयरलैंड के अनुभवी बल्लेबाज केविन ओ ब्राइन ने वनडे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। टीम के लिए 15 साल से ज्यादा तक क्रिकेट खेलने के बाद अब उन्होंने इस फॉर्मेट को अलविदा कहने का फैसला लिया है। ब्रायन ने कहा कि वह अपने आप को फिट महसूस नहीं कर रहे हैं और इसी वजह से यह सही वक्त है जब वह वनडे को छोड़ दें।

केविन ने आधिकारिक बयान में कहा, "आयरलैंड के लिए 15 साल तक खेलने के बाद अब मुझे लगता है कि यह सही समय है जब मुझे आगे बढ़ना चाहिए और वनडे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करना चाहिए। यह मेरे लिए बहुत ही सम्मान और गर्व की बात रही कि मैंने 153 मुकाबलों में अपने देश की तरफ से खेलने उतरा। इससे जो भी यादें मैं अपने साथ लेकर जाउंगा यह मेरे साथ पूरे उम्र रहने वाली है।"

Ireland’s star batsman Kevin O’Brien has announced his retirement from ODI cricket.

The 37-year-old finishes his ODI career with 3619 runs and two centuries, which includes the famous 113 against England in the 2011 @cricketworldcup 🔥 pic.twitter.com/TAGpWyfk6F

— ICC (@ICC) June 18, 2021

साल 2011 के विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ 113 रन की ऐतिहासिक पारी खेलते हुए इस बल्लेबाज ने टीम की जीत पक्की की थी। इस मैच में इंग्लैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 327 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था जिसके जवाब में 7 विकेट पर 329 रन बनाते हुए टीम ने रोमांचक जीत दर्ज की थी। 63 गेंद पर 13 चौके और 6 छक्के की मदद से केविन ने 113 रन की पारी खेली थी और प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए थे। वनडे में इस बल्लेबाज के नाम 3619 रन हैं, टी20 में 1672 जबकि टेस्ट क्रिकेट में 258 रन बनाए हैं।

"यह मेरे लिए आसान फैसला बिल्कुल भी नहीं था लेकिन इस बारे में सोचने के बाद मुझे महसूस हुआ कि अब मैं वनडे टीम में उस तरह से अपना योगदान नहीं दे पाउंगा जैसे कि पहले दिया करता था। अब मेरे अंदर वनडे को लेकर वैसे भूख और प्यार शायद पहले जैसी नहीं रही है। ऐसे में एंड्रयू, ग्राहम और टीम और इसके सभी समर्थकों के लिए यह न्याय नहीं होगा कि मैं वनडे में खेलता रहूं जबकि मुझे महसूस हो रहा है कि अपना 100 फीसदी नहीं दे पाउंगा।"

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