आईपीएल के लिए सब कुर्बान

एक बार फिर इंडियन प्रीमियर लीग या फिर यह कहें कि इंडियन पैसा लीग का मंच सजने जा रहा है। ढाई महीने के थकाऊ दौरे के बाद यूं तो हर खिलाड़ी आराम चाहता है लेकिन जैसे ही यह क्रिकेट का तड़का शुरू होगा हर खिलाड़ी बिना संकोच मैदान पर वापस होगा। आखिर क्यों?

By Edited By: Publish:Sat, 03 Mar 2012 12:15 PM (IST) Updated:Sat, 03 Mar 2012 12:15 PM (IST)
आईपीएल के लिए सब कुर्बान

नई दिल्ली। एक बार फिर इंडियन प्रीमियर लीग या फिर यह कहें कि इंडियन पैसा लीग का मंच सजने जा रहा है। ढाई महीने के थकाऊ दौरे के बाद यूं तो हर खिलाड़ी आराम चाहता है लेकिन जैसे ही यह क्रिकेट का तड़का शुरू होगा हर खिलाड़ी बिना संकोच मैदान पर वापस होगा। आखिर क्यों?

पिछले एक साल में शायद ही कोई ऐसा मौका रहा होगा जब टीम इंडिया के खिलाड़ी किसी टूर्नामेंट में व्यस्त ना रहे हों। जाहिर है कि इतने व्यस्त कार्यक्रम के कारण खिलाडि़यों का थकना भी लाजमी है, लेकिन सवाल यह उठता है कि जो खिलाड़ी आज एशिया कप के लिए आराम मांग रहे हैं या फिर जिन खिलाडि़यों ने इससे पहले फिटनेस को लेकर देश की तरफ खेलने से परहेज किया, वही खिलाड़ी आईपीएल में मैदान पर कैसे पहुंच जाएंगे। एशिया कप के लिए जिस टीम का ऐलान हुआ है उसमें सबसे बड़ा खोट जो नजर आ रहा है वो है टीम इंडिया का पेस अटैक। चयनकर्ताओं ने एक साथ जहीर और उमेश यादव को आराम दे दिया है ताकि यह खिलाड़ी आईपीएल के लिए फिट हो सकें। अगर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और कप्तान धौनी खेलने की इच्छा नहीं जताते तो उनको भी आराम दे दिया जाता। कारण साफ है कि बोर्ड नहीं चाहता कि उसकी पैसा लीग फीकी पड़ी। साल भर खिलाडि़यों की फिटनेस के बारे में ज्यादा सोच विचार ना करने वाले यही चयनकर्ता आईपीएल के करीब आते-आते इन सभी खिलाडि़यों को जल्द फिट करने की नसीहत देने लगते हैं।

आज बीसीसीआई और चयनकर्ता इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित दिखते हैं कि उनके स्टार खिलाड़ी आईपीएल के लिए उपलब्ध हो पाएंगे या नहीं। शायद ही किसी को इसकी फिक्र है कि लगातार क्रिकेट खेल रहे खिलाडि़यों को जितना खेल में झोंका जाएगा उनकी करियर अवधि भी घटती जाएगी। अगर उनकी फिटनेस और कार्यक्रम को संतुलित नहीं रखा गया तो जल्द ही विराट कोहली जैसे खिलाड़ी भी थका हुआ महसूस करने लगेंगे। हाल ही में महेंद्र सिंह धौनी ने चौंकाते हुए यह कहा डाला था कि वह 2013 तक टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं क्योंकि उन्हें भी अंदाजा हो चुका है कि आईपीएल और वनडे क्रिकेट की वजह से उनकी फिटनेस पर असर पड़ना तय है।

इतिहास गवाह है कि कई बार आईपीएल में हमारे स्टार खिलाड़ी चोटिल हुए और उसके ठीक बाद होने वाली अंतरराष्ट्रीय सीरीज में खेलने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। ना जाने इस बार ऐसा किस-किस खिलाड़ी के साथ होगा। क्योंकि आईपीएल खत्म होने के बाद भी टीम इंडिया को लगातार घरेलू सीरीज के साथ-साथ सितम्बर में होने वाले टी-20 विश्व कप में हिस्सा लेना होगा। यह तो कहना मुश्किल है कि इसमें गलती किसकी है। बोर्ड और चयनकर्ताओं की जो खिलाडि़यों को आईपीएल के हिसाब से आराम देते हैं या फिर उन खिलाडि़यों की जो आईपीएल में पैसा कमाने के लिहाज से खुद देश से ज्यादा आईपीएल को तरजीह देने लगते हैं। बेशक इस फटाफट फार्मेट ने कई नए चेहरों को आगे बढ़ने का मौका दिया हो लेकिन यह भी उतना ही सच है कि आज टीम के व्यस्त कार्यक्रम के बीच में आईपीएल एक स्पीड ब्रेकर का काम कर रहा है।

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