फिक्सिंग को जुर्म माना जाए, तभी कसेगा लगाम: राहुल द्रविड़

नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा है कि मैच या फिर स्पॉट फिक्सिंग को अपराध की श्रेणी में डाला जाना चाहिए ताकि आरोपी क्रिकेटरों के मन में पुलिस और कानून का खौफ हो।

By Edited By: Publish:Wed, 07 Aug 2013 03:56 PM (IST) Updated:Wed, 07 Aug 2013 10:53 PM (IST)
फिक्सिंग को जुर्म माना जाए, तभी कसेगा लगाम: राहुल द्रविड़

नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा है कि मैच या फिर स्पॉट फिक्सिंग को अपराध की श्रेणी में डाला जाना चाहिए ताकि आरोपी क्रिकेटरों के मन में पुलिस और कानून का खौफ हो।

आइपीएल की टीम राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों शांतकुमारन श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण के स्पॉट फिक्सिंग में गिरफ्तारी के बाद पूछताछ का हिस्सा बने कप्तान द्रविड़ ने माना कि शुरुआती स्तर पर खिलाड़ियों को इस बाबत शिक्षित करना जरूरी है लेकिन साथ ही उनमें पुलिस और कानून का डर होना भी अनिवार्य है। द्रविड़ ने क्रिकइंफो को दिए साक्षात्कार में कहा कि निजी तौर पर मेरा मानना है कि जूनियर लेवल पर खिलाड़ियों को शिक्षा दी जानी चाहिए लेकिन यह फिक्सिंग को खत्म करने के लिए काफी नहीं होगा इसलिए जरूरी है कि इस दिशा में सही कानून और पुलिस का खौफ खिलाड़ियों को गलत कदम उठाने से पहले रोके।

खेल में फिक्सिंग और डोपिंग जैसी बुराइयों के लिए भी द्रविड़ ने सख्त कदम उठाने की बात कही। पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि कोई भी खिलाड़ी यदि प्रशासन या फिर डोप टेस्ट से नहीं डरता है तो उसके लिए कानून का रास्ता होना चाहिए। गलती करने पर उसे जेल जाना होगा। इस डर को बनाना होगा। ऐसे में जरूरी है कि इन्हें आपराधिक श्रेणी में डाला जाए। अंतरराष्ट्रीय करियर में 24 हजार रनों का रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले 40 वर्षीय द्रविड़ ने कहा कि उनका पूरा ध्यान केवल क्रिकेट साफ करने और इस खेल की अस्मिता बचाए रखने पर ही है।

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