कॉमनवेल्थ गेम्स में हो सकती है क्रिकेट की वापसी

दुनिया के दूसरे सबसे बड़े खेल आयोजन कॉमनवेल्थ गेम्स (सीडब्ल्यूजी) में क्रिकेट का रोमांच एक बार फिर देखने को मिल सकता है। प्रत्येक चार साल पर आयोजित होने वाले इन खेलों में क्रिकेट की वापसी को लेकर सीडब्ल्यूजी फेडरेशन की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) से बातचीत जारी है। आयोजकों ने

By sanjay savernEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2015 06:57 PM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2015 09:30 PM (IST)
कॉमनवेल्थ गेम्स में हो सकती है क्रिकेट की वापसी

मनीकाता (माल्टा)। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े खेल आयोजन कॉमनवेल्थ गेम्स (सीडब्ल्यूजी) में क्रिकेट का रोमांच एक बार फिर देखने को मिल सकता है। प्रत्येक चार साल पर आयोजित होने वाले इन खेलों में क्रिकेट की वापसी को लेकर सीडब्ल्यूजी फेडरेशन की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) से बातचीत जारी है। आयोजकों ने कहा, वे सबसे छोटे फॉर्मेट टी-20 के साथ क्रिकेट को कॉमनवेल्थ गेम्स में दोबारा शामिल करना चाहते हैं। इन खेलों में क्रिकेट एक ही बार 1998 में कुआलालंपुर में खेला गया है।

सीडब्ल्यूजी फेडरेशन के मुख्य कार्यकारी, डेविड ग्रेवेमबर्ग ने माल्टा में कॉमनवेल्थ शिखर सम्मेलन के दौरान कहा, 'हमारे 71 राष्ट्रीय और प्रादेशिक संघ क्रिकेट की वापसी चाहते हैं। आइसीसी के साथ हमारी बात हुई है हालांकि ये अभी प्रारंभिक दौर में ही है।' 1998 के कॉमनवेल्थ गेम्स में 16 टीमों ने हिस्सा लिया था। जिसमें 50-50 ओवर के मैच खेले गए थे। वेस्टइंडीज के बजाय कैरेबियाई देशों ने अलग-अलग हिस्सा लिया था। इंग्लैंड ने घरेलू चैंपियनशिप सीजन के कारण हिस्सा लेने से मना कर दिया था। जिसके बाद उत्तरी आयरलैंड ने अपनी टीम भेजी थी। स्वर्ण पदक के मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को हराया था।

आइसीसी के साथ सीडब्ल्यूजी फेडरेशन की बात बन जाने पर क्रिकेट की वापसी 2022 में दक्षिण अफ्रीकी शहर डरबन में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में हो सकती है। 2018 में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में क्रिकेट को शामिल करने का कोई एजेंडा नहीं है। सीडब्ल्यूजी फेडरेशन की अध्यक्ष लुईस मार्टिन ने कहा, 'टूर्नामेंट का प्रारूप आइसीसी के प्रारूप से अलग होगा, क्योंकि इसमें जमैका और बारबाडोस जैसे छोटे देश अपनी अलग टीम उतार सकेंगे। हमें प्रारूप बनाते समय यह भी ध्यान रखना होगा कि मुकाबले एकतरफा न हो जाएं। मैं नहीं चाहूंगी कि भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ खेलने वाली टीमें मुकाबले में बिना किसी उम्मीद के उतरें।'

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