चैंपियंस ट्रॉफी का मुकाबला: जानिए किस टीम में है कितना दम, कौन है कमजोर
जानिए, किस टीम की क्या है खासियत...
लंदन, पीटीआइ। मौजूदा चैंपियन भारत और मजबूत ऑस्ट्रेलिया मैदान से बाहर की कुछ गंभीर समस्याओं से जूझने के बावजूद गुरुवार से शुरू होने वाली आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेंगे।
मेजबान इंग्लैंड ने पिछले दो वर्षों में सीमित ओवरों में काफी सुधार किया है और उसे आठ टीमों के टूर्नामेंट में 'छुपा रुस्तम' माना जा रहा है। इस टूर्नामेंट में वेस्टइंडीज की कमी जरूर खलेगी, जो शीर्ष आठ टीमों में जगह बनाने में नाकाम रहा था। इंग्लैंड की टीम गुरुवार को बांग्लादेश के खिलाफ टूर्नामेंट का शुरुआती मैच खेलेगा, लेकिन सभी को इंतजार चार जून को भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच का है।
बल्लेबाजी के लिए आदर्श मानी जा रही पिचों पर होने वाले इस टूर्नामेंट में जो दो टीमें सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं वे भारत और ऑस्ट्रेलिया हैं। ये दोनों टीमें युवा और अनुभव का अच्छा मिश्रण हैं जो कि 50 ओवरों की क्रिकेट के लिए जरूरी है और इसे ही दोनों टीमों की ताकत भी कहा सकता है। संयोग से दोनों टीमें क्रिकेट से इतर अन्य कारणों से खबरों में हैं। भारत में जहां कप्तान विराट कोहली और टीम के मुख्य कोच अनिल कुंबले के बीच मतभेद की खबरें पिछले कुछ दिनों से सुखिर्यों में हैं वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम का अपने क्रिकेट बोर्ड से भुगतान विवाद अब आम चर्चा का विषय बन गया है।
दोनों ही टीमें अपने अभियान की शुरुआत इस तरह के असहज माहौल में करेंगी, लेकिन उनके पास दमदार खिलाड़ी हैं, जो अपने खेल पर विवादों का असर नहीं पड़ने देंगे और खिताब जीतने का माद्दा रखते हैं। हालांकि, भारतीय टीम में दोनों अभ्यास मैच के दौरान ड्रेसिंग रूम के तनाव के लक्षण नहीं दिखे। इन मैचों में उसने आसानी से जीत दर्ज की। दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया की टीम ने भी अपने अभ्यास मैच में जानदार प्रदर्शन किया।
टीम इंडिया सबसे अनुभवी
बतौर कप्तान विराट कोहली का यह आइसीसी प्रतियोगिता में पहला बड़ा इम्तिहान होगा। भारतीय टीम का यह सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज इस टूर्नामेंट में इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के दसवें संस्करण की असफलता को पीछे छोड़ना चाहेगा। सलामी बल्लेबाज शिखर धवन, रोहित शर्मा, ऑलराउंडर युवराज सिंह और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धौनी जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी में भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप सभी आठ टीमों में सबसे अनुभवी है। कम अनुभवी केदार जाधव और कभी हार नहीं मानने वाला विकेटकीपर दिनेश कार्तिक भी अपने दम पर मैच जीतने का माद्दा रखते हैं। आलराउंडर हार्दिक पांड्या की मौजूदगी से टीम में संतुलन पैदा होता है, जबकि पहली बार भारत के पास चार अच्छे तेज गेंदबाज उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार, मुहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह हैं। विश्व के चोटी के स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा भी रनों पर अंकुश लगाने के लिए टीम में हैं।
कम नहीं हैं कंगारू भी
ऑस्ट्रेलिया की बात करें तो डेविड वॉर्नर, कप्तान स्टीव स्मिथ और एरोन फिंच की मौजूदगी में उसका बल्लेबाजी लाइन अप काफी मजबूत है, जिसमें मध्यक्रम में ग्लेन मैक्सवेल जैसा विस्फोटक बल्लेबाज भी है। उसका तेज गेंदबाजी आक्रमण भी काफी दमदार नजर आता है, जिसमें मिशेल स्टार्क, जेम्स पैटिनसन, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड शामिल हैं। मार्कस स्टोइनिस ऑलराउंडर हैं।
मेजबानों पर भी निगाहें
इंग्लैंड पर भी निगाहें रहेंगी जिसने इयोन मोर्गन की कप्तानी में काफी सुधार किया है। जोस बटलर और जेसन राय के रूप में उसके पास दो प्रभावी सलामी बल्लेबाज हैं। मध्यक्रम में मोर्गन का अनुभव काफी काम आता है जबकि उसके पास बेन स्टोक्स और क्रिस वोक्स के रूप में दो सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर हैं। इनमें से विशेषकर स्टोक्स ने आइपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया था और वह इस समय शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने अभ्यास मैच में शतक जड़कर पहले ही अपने इरादे जतला दिए थे हालांकि वह कुछ हल्की चोटों से भी जूझ रहे हैं जिसके कारण हो सकता है कि वह दस ओवर का अपना कोटा पूरा नहीं कर पाएं। वोक्स गेंदबाजी ऑलराउंडर हैं जिन्हें अपनी विविधता के लिए जाना जाता है। वह घरेलू परिस्थितियों में उपयोगी साबित हो सकते हैं।
दक्षिण अफ्रीका भी कम नहीं
भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जहां सेमीफाइनल में पहुंचने के प्रबल दावेदार हैं, वहीं दक्षिण अफ्रीका को भी कमतर नहीं आंका जा सकता है, जिसके पास एबी डिविलियर्स, क्विंटन डिकॉक और हाशिम अमला जैसे खिलाड़ी हैं। दक्षिण अफ्रीका हालांकि अभी तक खुद पर से बड़े टूर्नामेंटों में लड़खड़ाने यानि चोकर्स का ठप्पा नहीं हटा पाया है। यही वजह है कि उसका आइसीसी टूर्नामेंटों में रिकॉर्ड खराब रहा है। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि उसने 1998 में ढाका में पहली चैंपियंस ट्रॉफी के जरिए ही अपना एकमात्र आइसीसी खिताब जीता था।
पाक में अच्छा करने की क्षमता
पाकिस्तान की टीम ऐसी है जिसके बारे में भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। उसके पास प्रतिभावान खिलाड़ी हैं, लेकिन वे वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। सरफराज अहमद की टीम में हालांकि अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता है। पाकिस्तान नए खिलाड़ियों को मौका दे रहा है और इस बार उसने लेग स्पिनर शादाब खान और ऑलराउंडर फहीम अशरफ को टीम में रखा है। इंग्लैंड की परिस्थितियों में तेज गेंदबाज मुहम्मद आमिर और वहाब रियाज घातक साबित हो सकते हैं।
केन व कोरे पर निर्भर कीवी
न्यूजीलैंड भी अच्छे परिणाम देने में सक्षम है और वह किसी भी टीम को चौंका सकती है। वह कप्तान केन विलियमसन और ऑलराउंडर कोरी एंडरसन पर काफी निर्भर है।
दो टीमों का पलड़ा हल्का
श्रीलंका और बांग्लादेश दो ऐसी टीमें हैं, जिन्हें सेमीफाइनल के दावेदार के रूप में नहीं देखा जा रहा है, क्योंकि उनके पास इंग्लैंड की परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का अभाव है।