मुरली ने पाई अपनी कमज़ोरी पर 'विजय', 14 साल बाद कर दिया ये कमाल

मुंबई टेस्ट में मुरली विजय ने शानदार शतक जमाया। इस शतक के साथ ही विजय ने एक ऐसा कारनामा कर दिया। जिसे करने में किसी भी भारतीय ओपनर को 14 साल लग गए।

By Pradeep SehgalEdited By: Publish:Sat, 10 Dec 2016 11:25 AM (IST) Updated:Sat, 10 Dec 2016 06:47 PM (IST)
मुरली ने पाई अपनी कमज़ोरी पर 'विजय', 14 साल बाद कर दिया ये कमाल

नई दिल्ली, प्रदीप सहगल। मुंबई में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच के तीसरे दिन मुरली विजय ने अपने टेस्ट करियर का 8वां शतक जमा दिया। मुरली विजय ने 136 रन की दमदार पारी खेली और अपने इस शतक के साथ ही विजय ने एक ऐसा कारनामा कर दिया, जिसे करने में किसी भी भारतीय ओपनर को 14 साल लग गए।

वानखेड़े में शतक जमाने वाले तीसरे भारतीय ओपनर

इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई में शतक जमाकर विजय ने एक ऐसा कारनाम किया जिसे इससे पहले सिर्फ दो ही भारतीय ओपनर कर पाए थे। वानखेड़े के मैदान पर शतक जमाने वाले विजय तीसरे भारतीय ओपनर बन गए। विजय से पहले ये कारनामा वीरेंद्र सहवाग ने किया था। सहवाग ने 2002 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ 147 रन की पारी खेली थी। सहवाग और विजय से पहले इस मैदान पर शतक लगाने वाले पहले ओपनर थे सुनील गावस्कर।

कमजोरी पर पाई 'विजय'

इस टेस्ट सीरीज़ के पहले मैच में शतकीय पारी खेलने के बाद विजय का बल्ले की चमक फीकी हो गई थी। इंग्लिश गेंदबाज़़ उन्हें आउट साइट द ऑफ स्टंप शॉर्ट गेंद फेंकते और विजय उनके चुंगल में फंस जाते। विजय या तो विकेटकीपर को कैच थमा जाते या फिर शॉर्ट लेग पर खड़े फील्डर के हाथ में कैच दे जाते। लेकिन इस पारी में मुरली ने अपनी इस कमज़ोरी पर 'विजय' पाते हुए ये शतक जमाया।

आलोचकों को दिया मुंह तोड़ जवाब

इस शतक के साथ ही मुरली विजय ने अपने आलोचकों को करार जबाव भी दिया। इस टेस्ट मैच से पहले विजय की काफी आलोचना हो रही थी, क्योंकि राजकोट में खेले गए इस सीरीज़ के पहले मैच में शतक जमाने वाले इस ओपनर के बल्ले से रन निकलने बंद से हो गए थे।

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