भारतीय क्रिकेट इतिहास में दूसरी बार हुआ ऐसा, खिलाड़ियों को झेलना पड़ा ये अपमान

Ind vs Aus: भारतीय खिलाड़ी के दौरे के बीच से लौटने की एक और घटना 1996 में घटी थी, जब नवजोत सिंह सिद्धू कप्तान मुहम्मद अजहरुद्दीन से बहस के बाद दौरे से हट गए थे।

By Pradeep SehgalEdited By: Publish:Sat, 12 Jan 2019 10:20 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jan 2019 11:47 AM (IST)
भारतीय क्रिकेट इतिहास में दूसरी बार हुआ ऐसा, खिलाड़ियों को झेलना पड़ा ये अपमान
भारतीय क्रिकेट इतिहास में दूसरी बार हुआ ऐसा, खिलाड़ियों को झेलना पड़ा ये अपमान

नई दिल्ली, पीटीआइ। (Ind vs Aus) भारतीय क्रिकेट में खिलाड़ियों से जुड़े विवाद पहले भी होते रहे हैं, लेकिन हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) और केएल राहुल (Lokesh Rahul) का मामला पिछले 82 वर्षो में केवल दूसरी घटना है, जबकि भारतीय क्रिकेटरों को दौरे के बीच स्वदेश भेजा जाएगा। वर्षो पहले 1936 में दिग्गज लाला अमरनाथ को तत्कालीन कप्तान विजयनगरम के महाराज यानी विज्जी ने एक प्रथम श्रेणी मैच के दौरान कथित अपमान के कारण भारत के इंग्लैंड दौरे के बीच से स्वदेश भेज दिया था।

विदेशी दौरों में कई बार अनुशासनात्मक मसले उठे, लेकिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यह पहला अवसर है जबकि बोर्ड ने कार्रवाई की और दोषी खिलाड़ियों को स्वदेश लौटने को कहा। लाला अमरनाथ की विज्जी के साथ बहस मुख्य रूप से टीम की राजनीति से जुड़ी थी और आम राय रही है कि ब्रिटिश भारत के तहत एक रियासत के शासक को अपनी योग्यता नहीं, बल्कि पद के कारण कप्तानी मिली थी। ईएसपीएन क्रिकइंफो में जुलाई 2007 में प्रकाशित एक आलेख के अनुसार अमरनाथ राजनीति का शिकार हुए थे। पांड्या और राहुल का मामला एकदम अलग है और उन्हें महिलाओं के लिए आपत्तिजनक टिप्पणियां करने की कीमत चुकानी पड़ रही है।

भारतीय खिलाड़ी के दौरे के बीच से लौटने की एक और घटना 1996 में घटी थी, जब नवजोत सिंह सिद्धू कप्तान मुहम्मद अजहरुद्दीन से बहस के बाद दौरे से हट गए थे। वह किसी को सूचित किए बिना चुपचाप निकल गए थे जिससे कमरे में उनके साथी को टेस्ट पदार्पण का मौका मिल गया। यह साथी कोई और नहीं, बल्कि सौरभ गांगुली थे जिन्होंने लॉर्ड्स में पदार्पण मैच में ही शतक जड़ा था।

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