Ind vs Aus: रांची में आखिरी वनडे खेल सकते हैं माही, बेहद खराब है यहां इनका रिकॉर्ड?
रांची में धौनी का वनडे में अब तक का सर्वाधिक स्कोर 11 रन है।
नई दिल्ली, जेएनएन। अपने घरेलू मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में खेलने को लेकर भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज महेंद्र सिंह धौनी उत्सुक तो जरूर होंगे वहीं दूसरी तरफ उनके फैंस की भी यही चाहत होगी कि वो रांची में अपने बल्ले से दमदार प्रदर्शन करें। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में शून्य पर आउट होने वाले धौनी का इस मैदान पर वनडे में ट्रैक रिकॉर्ड काफी खराब रहा है। धौनी इस मैदान पर अब तक कोई बड़ी पारी खेलने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। ऐसे में ये उम्मीद की जा रही है कि वो शायद इस मैदान पर अपने आखिरी वनडे मैच में कमाल की पारी खेलें और इसे यादगार बना दें।
क्रिकेट गलियारे में ये खबर चल रही है कि माही विश्व कप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो रांची में ये उनका आखिरी वनडे मैच होगा क्योंकि इसके बाद से लेकर विश्व कप तक यहां कोई वनडे मैच भारतीय टीम को नहीं खेलना है। यही नहीं यहां पर आइपीएल का भी कोई मैच नहीं खेला जाना है। यानी धौनी अपने होमग्राउंड पर अपनी आखिरी पारी को यादगार बनाने की पूरी कोशिश करते नजर आ सकते हैं।
वैसे रांची में धौनी का वनडे में प्रदर्शन अब तक तो निराश करने वाला ही रहा है। यहां पर उनका रिकॉर्ड बेहद साधारण रहा है। धौनी ने यहां पर अब तक तीन वनडे मैच खेले हैं जिसमें से उन्हें सिर्फ दो मैचों में ही बल्लेबाजी का मौका मिला था। इन दो मैचों में उन्होंने 21.00 की औसत से कुल 21 रन बनाए हैं। रांची में धौनी का बेस्ट स्कोर 11 रन रहा है जो उन्होँने वर्ष 2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाया था। हालांकि इस मैच में धौनी टीम के कप्तान भी थे और टीम को हार मिली थी। विकेट के आगे तो धौनी ने यहां जरूर निराश किया है लेकिन विकेट के पीछे उनका प्रदर्शन जरूर अच्छा रहा है। धौनी ने यहां पर तीन मैचों में सात बल्लेबाजों को आउट किया है जिसमें एक स्टंप आउट और छह कैच शामिल हैं।
माही इन दिनों काफी अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं, लेकिन नागपुर वनडे में वो कंगारू टीम के विरुद्ध खाता भी नहीं खोल पाए थे। पहले वनडे मैच में उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की थी और टीम को जीत दिलाई थी। पहले वनडे मैच के दौरान वो भारत की तरफ वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले बल्लेबाज भी बने थे।