EXCLUSIVE: तालिबानियों ने अफगानिस्तान में किया तख्ता पलट, अधर में अफगान क्रिकेट

अफगानिस्तान पर अब तालिबान के कब्जा हो गया है और तालिबान ही अब इस देश के हर बड़े फैसले लेगा। ऐसे में इस देश में क्रिकेट का भविष्य बहुत ही अंधकार में लग रहा है। अब देखना ये है कि क्रिकेटर क्या फैसला लेते हैं।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Mon, 16 Aug 2021 07:27 AM (IST) Updated:Mon, 16 Aug 2021 05:55 PM (IST)
EXCLUSIVE: तालिबानियों ने अफगानिस्तान में किया तख्ता पलट, अधर में अफगान क्रिकेट
अफगानिस्तान में वैसे भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेली जाती

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबानियों के तख्ता पलट के बीच सबसे बड़ा सवाल यह उठ गया है कि अब इस देश में क्रिकेट का भविष्य क्या होगा। अफगानिस्तान ने बड़ी टीमों को पटकनी दी है, जिसमें लेग स्पिनर राशिद खान और आलराउंडर मुहम्मद नबी सहित कई खिलाड़ियों का योगदान रहा है। इन खिलाड़ियों की प्रतिभा के कारण ही इन्हें कई देशों की लीगों में भी खेलने का मौका मिल रहा है।

राशिद खान और मुहम्मद नबी अभी लंदन में द हंड्रेड लीग में खेल रहे हैं और अफगानिस्तान में गहराते संकट के बीच ये दोनों खिलाड़ी लंदन से सीधा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के लिए रवाना हो सकते हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के एक अधिकारी ने बताया कि राशिद और नबी इस समय द हंड्रेड खेल रहे हैं। इसके बाद अफगानिस्तान को श्रीलंका से सीरीज खेलनी है, लेकिन अब उम्मीद है कि ये दोनों उस सीरीज में नहीं खेलेंगे।

द हंड्रेड के बाद राशिद और नबी सीधे आइपीएल के लिए अपनी टीम के दुबई के शिविर में शामिल हो सकते हैं। इन दोनों खिलाड़ियों को यूएई में 19 सितंबर से शुरू होने वाली टी-20 लीग आइपीएल में हिस्सा लेना है। एक संभावना यह भी हैं कि दोनों भारत आएं और अपनी टीम के साथ यहां से दुबई के लिए रवाना हो। दोनों ही खिलाड़ी सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हैं।

अफगानिस्तान को लेकर राशिद पहले भी चिंता व्यक्त कर चुके हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि हमें इस संकट के समय में दुनिया अकेले न छोड़े। हमारा देश जल रहा है और चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। अब उन्होंने रविवार को 'शांति' लिखकर ट्वीट किया। वहीं, एक अन्य अफगानिस्तानी क्रिकेटर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर तालिबानियों की तारीफ की और कहा कि उनके देश में क्रिकेट को कोई नुकसान नहीं होगा।

इस क्रिकेटर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि तालिबान अफगानिस्तान में क्रिकेट और क्रिकेट बोर्ड में कोई बदलाव करेगा। तालिबान क्रिकेट और खेल से प्यार करता है। वे जानते हैं कि अफगानिस्तानी लोगों को सिर्फ इससे ही खुशी मिलती है। हम सुरक्षित हैं। हां, हमारी टीम और क्रिकेट बोर्ड का नाम जरूर बदलेगा। मालूम हो कि तालिबान अफगानिस्तान में क्रिकेट पर प्रतिबंध लगा चुका है, लेकिन साल 2000 में उसने क्रिकेट से प्रतिबंध उठाते हुए उसे मनोरंजन करार दिया था।

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