हर अहम मौके पर फिसड्डी साबित होता है ये भारतीय बल्लेबाज़

अजिंक्य रहाणे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज़ में भारतीय टीम की नैय्या को मंझधार में छोड़कर चलते बनते हैं।

By Pradeep SehgalEdited By: Publish:Sat, 18 Mar 2017 03:18 PM (IST) Updated:Sun, 19 Mar 2017 09:26 AM (IST)
हर अहम मौके पर फिसड्डी साबित होता है ये भारतीय बल्लेबाज़
हर अहम मौके पर फिसड्डी साबित होता है ये भारतीय बल्लेबाज़

नई दिल्ली, प्रदीप सहगल। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज़ के तीसरे मैच में अजिंक्य रहाणे ने एक बार फिर से निराश किया। टीम इंडिया के उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे 14 रन बनाकर आउट हो गए। इस सीरीज़ में रहाणे अहम मौकों पर अपना विकेट गंवा देते हैं। ये कहानी सिर्फ इस मुकाबले की नहीं हैं। पहले दोनों टेस्ट मैचों में भी रहाणे इसी कहानी को दोहराते रहे हैं। 

रांची में विराट कोहली के आउट होने के बाद रहाणे मैदान पर आए। दूसरे छोर पर पुजारा बल्लेबाज़ी कर रहे थे। पुजारा ने एक छोर थामा हुआ था तो रहाणे की जिम्मेदारी थी कि वो एक छोर को मजबूती से थामें और टीम इंडिया को विराट कोहली के झटके से उबारें।

रहाणे ने अच्छी शुरुआत की और एक-दो गेंदों को शानदार शॉट्स खेलते हुए बाउंड्री के पार भी पहुंचाया। जब लग रहा था कि रहाणे सेट हो गए हैं और वो रांची की इस पिच पर बड़ी पारी खेलेंगे। तभी, रहाणे ने पैट कमिंग की गेंद पर एक ऐसा शॉट खेला। जिसने टीम इंडिया पर से दबाव हटाने की बजाए, भारतीय टीम को प्रेशर में ला दिया। 14 रन बनाकर रहाणे भारत में अपना पहला मैच खेल रहे पैट कमिंस की गेंद पर विकेटकीपर मैथ्यू वेड को कैच दे बैठे। इस सीरीज़ में ये पहला मौका नहीं है जब रहाणे ने सेट होने के बाद अपना विकेट गंवाया हो।

इससे पहले खेले गए बेंगलुरु टेस्ट मैच में भी रहाणे ने पहली पारी में 17 और फिर दूसरी पारी में 52 रन बनाने के बाद अपना विकेट गंवा दिया था। बेंगलुरू टेस्ट की दूसरी पारी में रहाणे के विकेट गंवाने के बाद भारतीय पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई थी। हालांकि दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाज़ों के दमदार प्रदर्शन के चलते भारतीय टीम ने मैच जीतकर सीरीज़ को बराबर कर दिया। लेकिन इससे बल्लेबाज़ी को नाकामी को नहीं छुपाया जा सकता।

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पुणे में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भी रहाणे ने पहली पारी में 13 तो दूसरी पारी में 18 रन बनाए थे। पुणे में भी दोनों पारियों में रहाणे से उम्मीद थी कि वो बड़ी पारी खेलकर अपनी  जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगे। लेकिन ऐसा हो ना सका।रहाणे टीम इंडिया के उप-कप्तान हैं तो उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वो मुश्किल समय में भारतीय टीम को दिक्कतों से बाहर निकालें। लेकिन रहाणे तो टीम इंडिया को नैय्या को मंझधार में छोड़कर चलते बनते हैं।

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