'कन्कशन सब्स्टीट्यूट' को लेकर संजय मांजरेकर बोले- ICC को देखने की जरूरत है

Ind vs Aus 1st T20I मैच के बाद concussion substitute को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं क्योंकि रवींद्र जडेजा की जगह युजवेंद्र चहल मैदान पर उतरे थे और उन्होंने गेंदबाजी की थी लेकिन बल्लेबाजी के दौरान जडेजा हैमस्ट्रिंग से भी परेशान थे।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 09:29 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 09:29 AM (IST)
'कन्कशन सब्स्टीट्यूट' को लेकर संजय मांजरेकर बोले- ICC को देखने की जरूरत है
संजय मांजरेकर ने concussion substitute को लेकर ICC पर हमला बोला है।

नई दिल्ली, जेएनएन। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 मैच में ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के स्थान पर लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को कन्कशन सब्स्टीट्यूट रूप में भारत ने प्लेइंग इलेवन में शामिल किया था। हालांकि, इस फैसले की काफी आलोचना हो रही है। मिचेल स्टार्क की एक गेंद जडेजा के हेलमेट पर लगी थी, लेकिन इससे पहले वे पैर की चोट से परेशान थे। मैच के बाद में कप्तान विराट कोहली और संजू सैमसन ने बताया था कि वे पारी के खत्म होने के बाद चक्कर जैसी शिकायत महसूस कर रहे थे।

जडेजा के स्थान पर चहल फील्डिंग करने आए और मैच जिताऊ गेंदबाजी भी की, लेकिन कई पूर्व क्रिकेटरों को यह अनुचित लगता है, क्योंकि जडेजा की जांच करने के लिए कोई फिजियो मैदान पर नहीं आया था। जडेजा ने शानदार बल्लेबाजी और नाबाद पवेलियन लौटे। इसके बाद जब वे फील्डिंग करने नहीं आए और भारत ने कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर युजवेंद्र चहल को पेश किया तो ऑस्ट्रेलियाई कोच जस्टिन लैंगर नाराजगी व्यक्त की और उन्होंने मैच रेफरी डेविड बून से भी बात की कि जडेजा को हैमस्ट्रिंग है।

उधर, भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज और क्रिकेट कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने भी इस फैसले पर हैरानी जताई है और भारतीय टीम के फैसले की आलोचना करते हुए आइसीसी से भी सवाल पूछा है। उन्होंने मैच के आधिकारिक ब्रॉडकास्ट चैनल पर कहा, "वास्तव में बहुत खुशी हुई कि उन्हें(चहल) वह मौका मिला और मुझे लगता है कि विराट भी इस बात को स्वीकार करने के लिए बहुत ईमानदार थे कि भाग्य बदल गया, उन्होंने किसी ऐसे गेंदबाज की तुलना में बेहतर गेंदबाजी की जो शायद अपने चार ओवरों में नहीं कर पाए। चहल एक बहुत बड़ा बोनस था और भगवान का शुक्रिया कि भारत 160 कर पाया और यह सब संभव हो गया।"

हालांकि, उन्होंने आगे कहा, "लेकिन अब, इसके बाद वहां कन्कशन सब्स्टीट्यूट को लेकर बहुत कुछ सोचा जा रहा है। पूरी अवधारणा विशुद्ध रूप से इसलिए है, क्योंकि हम खिलाड़ी हैं - हम सभी - नियम हैं, जो कि अच्छे इरादे के साथ बनाए गए हैं, लेकिन हम अपने लाभ के लिए उन नियमों में कमियां खोजने की कोशिश कर रहे हैं। क्या भारत ने कोई फायदा उठाया, हमें नहीं पता, लेकिन आइसीसी को देखने की जरूरत है, ताकि किसी एक टीम को इतना बड़ा फायदा न हो।"

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