मेरे चारों ओर नफरत करने वाले, लेकिन मैं टेंशन नहीं लेता: विराट कोहली
कोहली ने कहा कि अब भी उनपर शक करने वाले और उनसे नफरत करने वाले लोग चारों ओर मौजूद हैं।
बेंगलुरु, पीटीआइ। पॉली उमरीगर पुरस्कार जीतने वाले भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि वह दुनिया में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनना चाहते थे और उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत की है। कोहली तीसरी बार यह पुरस्कार जीतने वाले इकलौते भारतीय खिलाड़ी हैं।
बीसीसीआइ के सम्मान समारोह में सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर का पुरस्कार अपने नाम करने के बाद कोहली ने पत्रकारों से बातचीत में अपने सफल सफर के बारे में बात की। कोहली ने कहा कि उन्हें शुरुआत से लेकर अब तक ऐसे कई लोग मिले जिन्हें उनकी काबिलियत पर शक था, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से यह मुकाम पाया है। कोहली ने कहा कि अब भी उनपर शक करने वाले और उनसे नफरत करने वाले लोग चारों ओर मौजूद हैं, लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
कोहली ने कहा कि उन्हें पता था कि उन्हें क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन करना है। इसी से उनका सपना सच होगा।
पिछले 12 महीने रहे हैं खास
कोहली ने कहा कि उनके करियर में पिछले 12 महीने काफी खास रहे हैं। कोहली ने कहा, '2015 के अंत से 2016 के अंत तक का समय मेरे करियर के लिए सबसे अहम रहा। कड़ी मेहनत, रोजाना अभ्यास, मेरे बलिदान सभी काम आए। मेरी टीम के साथियों के बिना यह मुकाम मुमकिन नहीं था। जब आप कुछ खास नहीं कर पाते हैं, लेकिन आपके साथी चैंपियन खिलाड़ी अच्छा काम करते हैं तो नतीजा अच्छा आता है। मैं अपनी टीम के खिलाड़ियों को उनके भरोसे और मदद के लिए शुक्रिया अदा करता हूं।'
टेंशन नहीं लेते हैं कोहली
कोहली ने बताया है कि उनकी सफलता के पीछे टेंशन फ्री सोच है। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में चिंता नहीं करते हैं कि कल क्या होगा। कोहली ने बताया, 'मैं मेहनत करता हूं और यह सोचता हूं कि मुझमें काबिलियत है और मैं ऐसा कर सकता हूं।' कोहली ने बीसीसीआइ का शुक्रिया अदा किया और कहा कि वह कप्तानी को काम की तरह नहीं जिम्मेदारी की तरह लेता हूं।
120 फीसदी करता हूं मेहनत
कोहली ने कहा है कि उन्होंने आलोचनाओं के दौर में यह तय कर लिया था कि उन्हें रोजाना 120 फीसदी मेहनत करनी है। अगर वह ऐसा कर पाने में सफल रहे तो उन्हें किसी को जवाब नहीं देना पड़ेगा। कोहली ने कहा है कि उनकी मेहनत रंग लाई है।