दिनेश कार्तिक ने तेज गेंदबाज सिराज के इस हरकत को बताया अनावश्यक, बोले- आगे चलकर समझ जाएंगे

दिनेश कार्तिक को लगता है कि मोहम्मद सिराज का इंग्लैंड के बल्लेबाज जानी बेयरस्टो को पहले टेस्ट में आउट करने के बाद चुप होने का इशारा करना अनावश्यक था। उनका मानना है कि भारतीय तेज गेंदबाज अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में आगे बढ़ते हुए इन चीजों को समझ जाएगा।

By TaniskEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 04:33 PM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 04:33 PM (IST)
दिनेश कार्तिक ने तेज गेंदबाज सिराज के इस हरकत को बताया अनावश्यक, बोले- आगे चलकर समझ जाएंगे
टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज। (फाइल फोटो)

लंदन, पीटीआइ। दिनेश कार्तिक को लगता है कि मोहम्मद सिराज का इंग्लैंड के बल्लेबाज जानी बेयरस्टो को पहले टेस्ट में आउट करने के बाद चुप होने का इशारा करना अनावश्यक था। उनका मानना है कि भारतीय तेज गेंदबाज अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में आगे बढ़ते हुए इन चीजों को समझ जाएगा। सिराज विकेट लेने के बाद जश्न मनाते हुए काफी आक्रामक हो गए थे और ड्रा रहे इस टेस्ट में कई बार दोनों को उलझते हुए देखा गया।

इस सीरीज में कमेंट्री कर रहे द टेलीग्राफ में कार्तिक ने  लिखा, 'मुझे लगता है कि सिराज का बल्लेबाज को आउट करके चुप रहने का इशारा कराना अनावश्यक था। आप पहले ही उसे आउट कर चुके हैं, तो इसकी जरूरत क्यों? अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत में सिराज के लिए यही पहली सीख है।'

कार्तिक ने आगे लिखा, 'हममें से कितने लोगों ने कल्पना की होगी कि विराट कोहली आगे आकर टीम के एक उत्साही साथी को शांत कराएंगे? भारतीय कप्तान को ट्रेंटब्रिज में यह सुनिश्चित करना पड़ा कि मोहम्मद सिराज हद पार न करें। यह टीम जिस तरह से क्रिकेट खेलती है, वह मुझे काफई पसंद है। सिराज और केएल राहुल की तरह खिलाड़ी अपने विरोधियों से बहस में उलझने से झिझकते नहीं हैं। यह नए जमाने का भारत है।'

कार्तिक अगले महीने से आइपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की ओर से खेलते दिखाई देंगे। उन्होंने कहा कि आक्रामक होने के अलग-अलग तरीके हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ' आक्रामकता अलग-अलग तरीकों से दिखाई जाती है। विराट, सिराज और राहुल जैसे कुछ खिलाड़ी आपको बेधड़क मुंह पर जवाब देते हैं। लेकिन मैंने सीनियर बल्लेबाज रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को ऐसा करते नहीं देखा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे आक्रामक नहीं हैं। ज्यादातर भारतीय तेज गेंदबाज आक्रामकता नहीं दिखाते हैं। वे गेंद से ही अपना काम करने पर जोर देते हैं, जो सही भी है।'

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