अजीत अगरकर बोले, अगर गेंदबाज स्वस्थ है तो लार के इस्तेमाल की अनुमति मिले
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) ने लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। यह नियम इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच आठ जुलाई से शुरू हो रही सीरीज से लागू होगा।
नई दिल्ली पीटीआइ। कोरोना वायरस संक्रमण के पूरी दुनिया में फैलने की वजह से इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने अपने नियमों में बदलाव किया है। खिलाड़ियों के स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई है। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अजित आगरकर के अनुसार वर्तमान हालात में गेंद चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना सही कदम है। मगर यदि मैच शुरू होने के पहले टेस्ट में खिलाड़ी कोरोना परीक्षण में निगेटिव आते हैं तो उन्हें इसके इस्तेमाल की अनुमति मिलना चाहिए।
आगरकर के अनुसार लार का इस्तेमाल गेंदबाजों के लिए उतना ही जरूरी है जितना बल्लेबाजों के लिए बल्ला। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) ने लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। यह नियम इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच आठ जुलाई से शुरू हो रही सीरीज से लागू होगा।
आगरकर ने कहा, "मेरा मानना है कि मैच से पहले हर खिलाड़ी का कोरोना परीक्षण हो। यदि उन्हें कोरोना नहीं पाया जाता है तो मेरे विचार से उन्हें लार के इस्तेमाल की अनुमति मिलना चाहिए क्योंकि इसमें कोई जोखिम नहीं होगा। यह मेरा निजी मत है।
आगे उन्होंने इस पर अलग राय रखने वालों के बारे में कहा, "हो सकता है चिकित्सा विज्ञान की जानकारी रखने वालों को अपना तर्क हो। गेंद को चमकाना बहुत महत्वपूर्ण है और इसका कोई विकल्प नहीं है। इसलिए आइसीसी की क्रिकेट समिति के पास प्रतिबंध लगाने के अलावा अन्य विकल्प मौजूद नहीं था। इस कारण उन्होंने सुरक्षित विकल्प चुना और वर्तमान परिस्थितियों में यह सही भी है।"
42 साल के आगरकर ने कहा,"मेरा मानना है कि अभी हमें इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच सीरीज का इंतजार करना चाहिए। यह गेंदबाजों के लिए आसान नहीं होगा।"
8 जुलाई से इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की टीमों के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत होने जा रही है। कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद यह पहली क्रिकेट सीरीज होगी। इसे आईसीसी द्वारा बनाए गए नए नियमों के तहत खेला जाएगा।