बिना सरकारी मदद के अफसर ने बनाया सुपर 30 की तर्ज पर हमन-36

डीईओ की इस पहल से इस संस्था में रायपुर के गरीब वर्ग के 20 बच्चे दो साल से नि:शुल्क कोचिंग ले रहे हैं। इन्हें अब तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली है।

By Gaurav TiwariEdited By: Publish:Mon, 23 Jul 2018 06:00 AM (IST) Updated:Mon, 23 Jul 2018 06:00 AM (IST)
बिना सरकारी मदद के अफसर ने बनाया सुपर 30 की तर्ज पर हमन-36
जहां चाह है, वहां राह है। सरकारी पद पर बैठे अफसर भी चाहें तो निजी खर्च पर पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए बेहतर कर सकते हैं। कुछ इसी तरह की मिसाल पेश की है रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) एएन बंजारा ने। गरीब वर्ग के कक्षा ग्यारहवीं-बारहवीं के बच्चों के लिए डीईओ ने आईआईटी और एमबीबीएस की राह आसान करने के लिए आनंद कुमार के सुपर 30 की तर्ज पर रायपुर में 'हमन -36' संस्था गठित की है। इसमें उन्होंने अपना पैसा लगाया और उनका सहयोग राजधानी के कुछ प्राचार्य, शिक्षकों ने किया। 

डीईओ की इस पहल से इस संस्था में रायपुर के गरीब वर्ग के 20 बच्चे दो साल से नि:शुल्क कोचिंग ले रहे हैं। इन्हें अब तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली है। सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए अब आईआईटी और एमबीबीएस करने का रास्ता आसान हो गया है। 


इन संस्थाओं में हो सकेगा प्रवेश 
डीईओ की यह पहल सिर्फ स्कूल शिक्षा तक सीमित नहीं है, इससे उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए अवसर मिलेगा। खासकर भारतीय प्रौद्यागिकी संस्थान (आईआईटी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) की प्रवेश परीक्षा की तैयारी समेत नीट और एम्स की प्रवेश परीक्षा की तैयारी विशेष छात्र-छात्राओं के लिए नि:शुल्क कराई जा रही है। मदद के लिए समिति गठित होते ही कई जागरूक अफसर, प्राचार्य, प्रधान पाठक और शिक्षकों के बाद अब बाहर के समाजसेवी भी जुड़ने लगे हैं। 


राजस्थान कोटा के विशेषज्ञ पढ़ा रहे बच्चों को 

डीईओ बंजारा ने राजधानी के पुजारी पार्क स्थित एक कोटा राजस्थान के विशेषज्ञों वाली निजी संस्थान के साथ अनुबंध किया है। उच्च स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सिर्फ सरकारी स्कूल से बच्चों की परीक्षा और साक्षात्कार की प्रक्रिया करके चयनित किया गया है। इसमें कोटा राजस्थान के विशेषज्ञ बच्चों को कोचिंग दे रहे हैं।

 

कॉपी-किताब भी नि:शुल्क 

उच्च स्तर के मार्गदर्शन की फीस के साथ-साथ पुस्तकें, स्टेशनरी बच्चों को सबके सहयोग से मिल रहा है। बच्चों को हॉस्टल में ठहराने, खाने-पीने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी डीईओ ने ली। 

ऐसे करते हैं बच्चों का चयन 

'हमन-36' में शामिल होने के लिए 11वीं के वे छात्र-छात्राएं पात्र हैं, जिन्होंने सरकारी स्कूल में गणित और विज्ञान संकाय से पढ़ाई की है। गणित-विज्ञान के आवेदकों की अलग-अलग परीक्षा होती है। डीईओ एएन बंजारा के मुताबिक कुल 180 अंक के लिए 60 प्रश्न वस्तुनिष्ठ पूछे जाते हैं। परीक्षा में 2 घंटे का समय मिलता है और साक्षात्कार के जरिए अंतिम चरण में चयन किया जाता है। 

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