बीएसपी हॉस्पिटल मरीज को देगा 50 हजार हर्जाना

इलाज के एक मामले में राज्य उपभोक्ता आयोग ने बीएसपी हॉस्पिटल और वहां के दो डॉॅक्टरों के खिलाफ आदेश पारित करते हुए मरीज को पचास हजार रुपए हर्जाना देने कहा है। आयोग ने कहा है कि इलाज के दौरान मरीज से दुर्व्यवहार किया गया है और इसके लिए जेएनएन मेडिकल

By Manoj YadavEdited By: Publish:Tue, 22 Dec 2015 12:05 PM (IST) Updated:Tue, 22 Dec 2015 12:13 PM (IST)
बीएसपी हॉस्पिटल मरीज को देगा 50 हजार हर्जाना

रायपुर। इलाज के एक मामले में राज्य उपभोक्ता आयोग ने बीएसपी हॉस्पिटल और वहां के दो डॉॅक्टरों के खिलाफ आदेश पारित करते हुए मरीज को पचास हजार रुपए हर्जाना देने कहा है। आयोग ने कहा है कि इलाज के दौरान मरीज से दुर्व्यवहार किया गया है और इसके लिए जेएनएन मेडिकल एंड हेल्थ के डाइरेक्टर, आर्थोपेडिक सर्जन डॉ.वीके बंसल और सीनियर डिप्टी डाइरेक्टर डॉ.अनुपम लाल को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने इलाज में लापरवाही के लिए हॉस्पिटल और डॉक्टरों को दोषी ठहराते हुए इलाज का व्यय 2.2 लाख और पांच लाख हर्जाना देने का फैसला दिया था।

इस फैसले के खिलाफ अपील को राज्य उपभोक्ता आयोग ने आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए केवल पचास हजार रुपए हर्जाना देने कहा है। परिवादी पीएस चौहान रिटायर्ड असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर हैं। 18 मई 2011 को उनकी पत्नी घर में फिसल गई और खड़ी नहीं हो सकी। परिवादी ने इलाज के लिए बीएसपी के जेएलएन हॉस्पिटल लेकर पहुंचा, जहां उसका इलाज डॉक्टरों ने किया। डॉक्टरों ने हड्डियों को जोड़ने के लिए ऑपरेशन किया। ऑपरेशन में जोखिम की जानकारी मरीज के पति को नहीं दी गई और ऑपरेशन कर दिया गया। जिसके बाद मरीज को बीच बीच में परामर्श के लिए अस्पताल लाया जाता रहा। लेकिन उनके पैर का दर्द बना रहा और पैर भी नहीं जुड़ा। इसे लेकर परिवादी ने जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया। फोरम ने इस मामले में इलाज के लिए अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों को दोषी ठहराया। इस फैसले के खिलाफ अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की, जहां अपील आंशिक रुप से स्वीकार कर ली गई।

chat bot
आपका साथी