इनकम टैक्स में बड़ा फायदा लेने के लिए बैंक में खुलवाइए HUF खाता, जानिए इसके बारे में

हिंदू अविभाजित परिवार के लोगों को आयकर अधिनियम के तहत एक एक अलग इकाई माना जाता है।

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Thu, 04 May 2017 12:59 PM (IST) Updated:Thu, 04 May 2017 03:15 PM (IST)
इनकम टैक्स में बड़ा फायदा लेने के लिए बैंक में खुलवाइए HUF खाता, जानिए इसके बारे में
इनकम टैक्स में बड़ा फायदा लेने के लिए बैंक में खुलवाइए HUF खाता, जानिए इसके बारे में

नई दिल्ली (जेएनएन): एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) इनकम टैक्स में बचत करने का एक महत्वपूर्ण तरीका माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे आयकर अधिनियम के तहत एक अलग इकाई माना जाता है। दरअसल एचयूएफ एक खाता होता है, जिसे निश्चित नियम व शर्तों के साथ खोला जाता है। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको इससे जुड़ी छोटी बड़ी हर अहम जानकारी देने की कोशिश करेंगे। इस बारे में हमने टैक्स फर्म emunshe के टैक्स एक्सपर्ट अंकित गुप्ता से बात की।

कौन होता है एचयूएफ:

केवल हिंदू परिवार ही नहीं बल्कि जैन, बौद्ध और सिख भी एचयूएफ बना सकते हैं। इसमें कम से कम दो सदस्य शामिल होते हैं जिनमें से एक पुरुष होता है और यह एक ही पूर्वज से सीधे तौर पर जुड़े होने चाहिए। लेकिन छोटे विभाजित परिवार भी एक पुरुष सदस्य के साथ एचयूएफ बना सकते हैं। एचयूएफ में हैड ऑफ द फैमिली को कर्ता कहा जाता है, बाकि सदस्य होते हैं जिन्हें कोपार्सनर कहते हैं। वहीं अगर किसी सूरत में एचयूएफ के सभी सदस्यों की मृत्यु हो जाती है तो उस सूरत में महिला भी कर्ता बन सकती है।

कैसे बनता है एचयूएफ:

हिंदू अविभाजित परिवार बनाने के लिए एचयूएफ के नाम एक बैंक खाता खुलवाना होता है। इसके लिए एक डीड लगानी होती है जिसमें उल्लेख करना होता है कि कौन क्या-क्या होगा। यह खाता परिवार के मुखिया (कर्ता) के नाम होता है, लेकिन उसके नाम के बाद एचयूएफ शब्द जुड़ा होता है। यह कर्ता के नाम होता है लेकिन इसमें थोड़ी तब्दीली संभव है। जैसे कर्ता का नाम अंकित गर्ग है, तो वह अंकित गर्ग एंड संस एचयूएफ के नाम से बैंक खाता खुलवा सकता है। वहीं इसके बाद एचयूएफ पैन कार्ड के लिए आवेदन किया जाता है।

टैक्स सेविंग में मददगार:

दरअसल आय कर अधिनियम के मुताबिक एचयूएफ एक अलग इकाई मानी जाती है और उसे व्यक्ति विशेष की तरह वही कर छूट मिलती है। एचयूएफ को भी सेक्शन 80 सी में निवेश पर 1.5 लाख रुपये की छूट होती है। हालांकि एचयूएफ पीपीएफ एकाउंट नहीं खोल सकता। 2.5 लाख रुपए तक की आमदनी एचयूएफ के लिए कर मुक्त होती है और यह कारोबारी जायदाद, पूंजीगत लाभ या दूसरे स्त्रोतों से आने वाली आय का पैसा हो सकता है लेकिन इसमें तनख्वाह शामिल नहीं होती है।

आप एचयूएफ बनाकर कर छूट दो बार क्लेम कर सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय 4.5 लाख रुपए है और उसने अगर कर बचाने के लिए कोई निवेश नहीं किया है तो उसे 15,000 रुपए बतौर कर चुकाने होंगे। लेकिन अगर यह व्यक्ति एचयूएफ का सदस्य है और कर के दायरे में आने वाली आधी रकम एचयूएफ के हाथों में जा रही है जबकि आधी उसके हाथ में तो उसे कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा क्योंकि 2.5 लाख रुपए तक आमदनी पर कोई कर नहीं बनता है।

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