ITR 2018: FY18 के लिए कैसे फाइल करें आयकर रिटर्न, जानिए
अगर करने जा रहे हैं वित्त वर्ष 2018 के लिए रिटर्न फाइल तो इन बातों का रखें ख्याल
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2018 है। ऐसे में कुछ करदाता जल्दबाजी में रिटर्न भरते समय गलती कर देते हैं। आपको यह जानकार खुशी होगी कि टैक्स फाइलिंग अब मुश्किल नहीं रही है। अब वो दिन जा चुके हैं जब आपको हाथ से फॉर्म भरना होता था और उसे जमा करने के लिए घंटों लंबी लाइनों में लगना पड़ता था। बीते कुछ वर्षों से सभी करदाताओं के लिए (वरिष्ठ नागरिकों को छोड़कर) जिनकी आय या रिफंड पांच लाख से ज्यादा है उन्हें अपनी रिटर्न ऑनलाइन भरनी अनिवार्य है। अपनी रिटर्न के ई-फाइलिंग के साथ साथ आप रिफंड और रिटर्न की प्रोसेसिंग को ट्रैक भी कर सकते हैं।
बीते कुछ वर्षों से नये करदाताओं की ओर से रिटर्न फाइलिंग की संख्या में महत्वपूर्ण इजाफा देखने को मिला है। जैसे वित्त वर्ष 2018 में करीब 99.49 लाख नये टैक्स फाइलर्स जोड़े गये हैं। बीते वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 85.51 लाख रहा था।
जानिए कैसे करें आईटीआर ई-फाइलिंग-
इन सात दस्तावेजों को जरूर रखें अपने साथ-
आईटीआर ई-फाइलिंग एकाउंट बनाएं-
एक बार सारे दस्तावेज अपने पास रखने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाकर ई-फाइलिंग एकाउंट में लॉग इन करें। लॉग इन के लिए आपको यूजर आईडी (पैन), पासवर्ड, जन्म तिथि और कैप्चा कोड भरना होगा। हालांकि अगर आप पहली बार रिटर्न फाइल कर रहे हैं तो आपको पहले एकाउंट बनाना होगा।
किस आईटीआर फॉर्म का करें चयन-
आईटीआर-1: इस फॉर्म को सहज फॉर्म कहा जाता है। यह फॉर्म व्यक्तिगत (इंडिविजुअल) करदाताओं के लिए होता है और इसे 50 लाख रुपए से कम की आय वाले करदाता ही भर सकते हैं। आईटीआर-2: यह इंडिविजुअल्स और HUF (हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली) के लिए होता है। इसे 50 लाख से ज्यादा की आमदनी वाला करदाता भर सकता है। आईटीआर-3: यह इंडिविजुअल्स और HUF (हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली) दोनों के लिए होता है। आईटीआर-4: इस फॉर्म को सुगम कहते हैं। इसमें प्रिजम्पटिव सोर्स ऑफ इनकम को शामिल किया जाता है। आईटीआर-5: यह पार्टनरशिप फर्म और एलएलपी के लिए होता है। आईटीआर-6: यह फॉर्म कंपनी और पीएलसी के लिए होता है और इसमें भी किसी भी सोर्स से हुई आय को शामिल किया जाता है। आईटीआर-7: इस तरह का आईटीआर फॉर्म चैरिटेबल फर्म के लिए होता है।
ई-वेरिफाइ रिटर्न करें अपलोड-
अंतिम स्टेप में अपनी सभी डिटेल्स को चेक करें और फॉर्म को अपलोड कर दें। अपलोड करने के बाद अपनी रिटर्न को जरूर वेरिफाई करें।