फिक्स्ड डिपॉजिट करवाने से पहले जरूर जान लीजिए 8 बड़ी बातें
नोटबंदी के बाद से ही लोग नकदी की समस्या को लेकर परेशान हैं, व्यापारियों का धंधा चौपट हो रहा है तो आम लोग रोजमर्रा की जरूरतों की चीजें खरीदने मे मुश्किलों का सामना कर रहे हैं
नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद से ही लोग नकदी की समस्या को लेकर परेशान हैं, व्यापारियों का धंधा चौपट हो रहा है तो आम लोग रोजमर्रा की जरूरतों की चीजें खरीदने मे मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इस बीच लोग अपनी जमा पूंजी को सही जगह निवेश करने को मौके तलाश रहे हैं ताकि उनका पैसा सुरक्षित रहे। उस समय जब शेयर बाजार टूट रहा है, सोना भी लगातार कमजोर हो रहा है तो ऐसे में फिक्स्ड डिपॉजिट एक बेहतर विकल्प माना जाता है। लेकिन मौजूदा समय में अगर आप एफडी कराने की सोच रहे हैं तो आपको यह 8 बातें जरूर जान लेनी चाहिए। केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद बैंकों के पास भारी मात्रा में नकदी आई जिसे देखते हुए लगभग सभी बैंकों ने अपनी जमा दरों में कटौती की है।बहुत सारे बैंक 7 दिन से लेकर 10 साल तक की एफडी की पेशकश करते हैं।रत्नाकर बैंक और आईडीबीआई बैंक 20 साल तक की एफडी की पेशकश भी करते हैं।बहुत ही कम अवधि की जमाओं के लिए ब्याज दर बचत खाता के समान होती है तो इसलिए आपको एफडी के बारे में घबराने की जरूरत नहीं है। सेविंग अकाउंट में 10,000 रुपए तक का ब्याज करमुक्त होता है।ज्यादातर बैंक चक्रवृद्धि ब्याज त्रैमासिक आधार पर निकालते हैं।बैंक फिकस्ड डिपॉजिट (सावधि जमा) में उपलब्ध राशि के आधार पर लोन/ ओवरड्राफ्ट की पेशकश करते हैं। यह ब्याज दर आमतौर पर एफडी की तुलना मे 0.5 फीसदी से 1 फीसदी तक ज्यादा होती है।अगर एक वित्तीय वर्ष में आपकी ब्याज आय 10,000 रुपए से ज्यादा होती है तो टीडीएस (स्रोत पर कटने वाला कर) 10 फीसदी की दर से काटा जाता है।वहीं अगर आप एफडी का पैसा म्युच्योरिटी पीरियड से पहले निकालते हैं तो आपको जुर्माना तक देना पड़ सकता है।