मेहुल चोकसी को भारत से क्लीनचिट मिलने के बाद दी गई नागरिकता: एंटिगुआ

एंटिगुआ सरकार ने कहा कि हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को कैरेबियाई देश की नागरिकता कड़ी पृष्ठभूमिक जांच के बाद दी गई

By Surbhi JainEdited By: Publish:Fri, 03 Aug 2018 05:59 PM (IST) Updated:Sat, 04 Aug 2018 11:47 AM (IST)
मेहुल चोकसी को भारत से क्लीनचिट मिलने के बाद दी गई नागरिकता: एंटिगुआ

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। एंटिगुआ की सरकार ने कहा है कि हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को कैरेबियाई देश की नागरिकता कड़ी पृष्ठभूमिक जांच और मुंबई पुलिस व विदेश मंत्रालय की ओर से मंजूरी के बाद ही दी गई थी। एंटीगुआ और बारबुडा के 'सिटिजनशिप बॉई इंवेस्टमेंट यूनिटट’ (सीआईयू)  ने कहा कि चोकसी के बैकग्राउंड जांच के दौरान पता चला कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उनके खिलाफ दो बार जांच शुरू की थी। लेकिन सेबी के अनुसार इस मामले को बंद कर दिया गया था।

विस्तृत बयान में सिटिजनशिप अथॉरिटी ने कहा है कि चोकसी का आवेदन मई 2017 में सभी जरूरी दस्तावेज के साथ प्राप्त हुए थे। इसमें पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट भी शामिल था।

बयान के मुताबिक, "भारत सरकार और मुंबई स्थित विदेश मंत्रालय के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से जारी पुलिस क्लियरेंस इस बात को प्रमाणित करता है कि मेहुल चिनुबभाई चोकसी के खिलाफ कोई भी प्रतिकूल सूचना नहीं है जिससे उन्हें एंटीगुआ और बरबुडा से वीजा हासिल करने और यात्रा करने से रोक सके।"

सीआईयू के बयान को एंटीगुआ ऑब्जर्वर अखबार ने अपनी वेबसाइट पर साझा किया है। इसमें बताया गया है कि 'इन तथ्यों पर स्पष्टता लाने और गलत सूचना से निपटने के लिए लोगों के सामने यह उजागर किया गया है।'

जानकारी के लिए बता दें कि सीआईयू को बाजार नियामक सेबी की ओर से दो दस्तावेज प्राप्त हुए थे जिनमें सेबी ने वर्ष 2014 में और 2017 में चौकसी के स्वामित्व वाली एक कंपनी की जांच की थी। गौरतलब है कि सीआईयू ने सीबीआई की ओर से किये गये उस दावे को भी खारिज कर दिया, जहां यह संकेत दिया गया था कि इंटरपोल ने चोकसी को लेकर एंटीगुआ प्रशासन से कोई सीधा संपर्क नहीं किया है।

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