इस बार आयकर रिटर्न में इन बातों का जरूर रखें ध्यान वरना आ जाएगा नोटिस

टैक्स रिकॉर्ड्स ऑनलाइन इंटिग्रेटेड होते हैं। अगर आपने जानकारी देने में छोटी सी भी गलती या भूल कर दी तो आप शक के घेरे में आ जाएंगे और आपसे पूछताछ हो सकती है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Mon, 10 Jun 2019 06:32 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jun 2019 08:59 AM (IST)
इस बार आयकर रिटर्न में इन बातों का जरूर रखें ध्यान वरना आ जाएगा नोटिस
इस बार आयकर रिटर्न में इन बातों का जरूर रखें ध्यान वरना आ जाएगा नोटिस

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार द्वारा असेसमेंट इयर 2019-20 के लिए आईटीआर (ITR) फॉर्म में काफी बदलाव किये गए हैं। वहीं सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने 80 साल से ऊपर की आयु वाले सीनियर सिटिजंस को छोड़कर सभी के लिए ऑनलाइन रिटर्न फाइल करना अनिवार्य कर दिया है। यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि टैक्स रिकॉर्ड्स ऑनलाइन इंटिग्रेटेड होते हैं। अगर आपने जानकारी देने में छोटी सी भी गलती या भूल कर दी तो आप शक के घेरे में आ जाएंगे और आपसे पूछताछ हो सकती है।

अपना आयकर रिटर्न फाइल करते समय गंभीर गलितयां होने पर आपको स्क्रूटनी असेसमेंट की तो जरूरत होगी ही बल्कि आप पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इससे बचने के लिए आज हम आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें बताने जा रहे हैं जिसका ध्यान रखकर आप सही तरीके से अपना आईटीआर फॉर्म भर सकते हैं और आयकर विभाग के नोटिस आपके घर नहीं आ पाएगा। पहले के आईटीआर फॉर्म में आपको ‘income from other sources’ वाले बॉक्स में सिर्फ संख्या भरनी होती थी लेकिन इस बार से आपको अपनी एफडी व आरडी से होने वाली आय, इनकम टैक्स रिफंड, बैंक अकाउंट्स और पास-थ्रू इनकम को हर बार अलग से दर्शाना होगा। आईटीआर फॉर्म में इस बार ब्याज से होने वाली आय के लिए अलग से स्थान रखा गया है। अर्थात अब आपको अपनी ब्याज से अर्जित आय को ठीक-ठीक बताना ही होगा। इस बार आरटीआई फॉर्म में आपको वित्त वर्ष के दौरान आपकी अनलिस्टेड शेयर्स की जानकारी भी मुहैया करानी होगी। आपको आईटीआर फॉर्म में अपने विदेशी ऐसेट्स का भी पूरा ब्यौरा देना होगा। इस बार फॉर्म में डिपॉजिटरी और कस्टोडियन अकाउंट्स नाम से नए कॉलम आए हैं जिनमे आपको ऐसेट्स और बैंक अकाउंट की जानकारी देनी पड़ेगी। आईटीआर फॉर्म में इस बार ओवरसीज इन्वेस्टमेंट से होने वाले इक्विटी और डेट इंट्रेस्ट नाम से भी दो नए कॉलम हैं जिनमें संबंधित जानकारी को ठीक-ठीक भरना आवश्यक है। इस बार आपको आईटीआर फॉर्म में इक्वलिटी इन्वेस्टमेंट से होने वाले लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) की भी जानकारी भरनी होगी क्योंकि साल में अगर 1 लाख रुपये से ज्यादा एलटीसीजी है तो उस पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा। इसकी जानकारी आपको शेड्यूल सीजी, सेक्शन बी4 में देनी होगी।

इस तरह नए आईटीआर फॉर्म में आपको अपनी इनकम से जुड़ी सभी तरह की जानकारी देनी होगी। जब आप फॉर्म भरने जाएं तो इससे पहले अपने सभी बैंक अकाउंट स्टेटमेंट, फाइनैंशल ट्रांजैक्शन के रिकॉर्ड्स और विदेशी ऐसेट्स से जुड़े डॉक्यूमेंट्स को इकट्ठा कर लें ताकी बाद में कोई समस्या नहीं रहे।

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