Budget 2020: GST की तारीफ करते हुए निर्मला सीतारमण ने अरुण जेटली को किया याद

Budget 2020 मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे दिवंगत नेता अरुण जेटली ने ही पूरे देश में GST लागू किया था। निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण की शुरूआत में उन्हें याद किया।

By Amit SinghEdited By: Publish:Sat, 01 Feb 2020 12:09 PM (IST) Updated:Sat, 01 Feb 2020 06:21 PM (IST)
Budget 2020: GST की तारीफ करते हुए निर्मला सीतारमण ने अरुण जेटली को किया याद
Budget 2020: GST की तारीफ करते हुए निर्मला सीतारमण ने अरुण जेटली को किया याद

नई दिल्ली, जेएनएन। Budget 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (1 फरवरी 2020) को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश कर रही हैं। बजट भाषण की शुरूआत निर्मला सीतारमण ने अरुण जेटली को याद करते हुए की। उन्होंने जीएसटी (GST) का जिक्र करते दिवंगत भाजपा नेता अरुण जेटली का जिक्र किया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने बजट 2020 की शुरूआत मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान लिए गए बड़े फैसलों से की। वित्त मंत्री ने वस्तु एवं सेवाकर (Goods and Service Tax) का जिक्र करते हुए, इसे ऐतिहासिक कदम बताया। निर्मला सीतारमण ने जीएसटी की जमकर सराहना की।

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मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू किया गया था। इसका मकसद पूरे देश के टैक्स सिस्टम में एकरूपता लाना है। इससे पहले तक प्रत्येक राज्य में अलग-अलग टैक्स स्लैब लागू था। अब पूरे देश में चार टैक्स स्लैब ही लागू हैं। देशभर में एक समान टैक्स प्रणाली लागू करने के ऐतिहासिक कदम में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली की महत्वपूर्ण भूमिका थी।

वित्त मंत्री ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को याद करते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने से देश में टैक्स व्यवस्था काफी सुधरी है। इससे अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है, लेकिन आम जनता पर टैक्स का बोझ कम हुआ है। नई व्यवस्था से देश में 60 लाख नए करदाता जुड़े हैं।

राज्यों को मनाना सबसे बड़ी चुनौती थी

मालूम हो कि जीएसटी लागू होने से पहले देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग टैक्स व्यवस्था लागू थी। जीएसटी के जरिये एक समान टैक्स व्यवस्था लागू करने के लिए राज्यों को मनाने की सबसे बड़ी चुनौती थी। राज्य इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे। राज्यों को डर था कि इससे उनका टैक्स कलेक्शन कम हो जाएगा। ऐसे में अरुण जेटली ही वो नेता थे, जिन्हें सभी राज्यों के साथ बैठक कर उन्हें जीएसटी के लिए मनाया। उन्होंने केवल राज्य सरकारों को ही नहीं, बल्कि उद्योगपतियों और व्यापारियों को भी इस नई टैक्स व्यवस्था के लिए तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी।

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