2020 के बजट में आयकर टैक्स में सीनियर और सुपर सीनियर सिटीजन के भेद को समाप्‍त किया

कोरोना महामारी के बाद देश की स्थिति भिन्‍न है। आर्थिक व्‍यवस्‍था पंगु हो चुकी है। देश में बेरोजगारी की स्थिति उत्‍पन्‍न हुई है। आइए जानते हैं कि पिछले बजट में सरकार ने बुजुर्गों को क्‍या रियायत दी थी। इस बार सरकार से क्‍या उम्‍मीद हो सकती है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 01 Feb 2021 10:45 AM (IST) Updated:Mon, 01 Feb 2021 10:45 AM (IST)
2020 के बजट में आयकर टैक्स में  सीनियर और सुपर सीनियर सिटीजन के भेद को समाप्‍त किया
वर्ष 2020 का बजट। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण की फाइल फोटो। स्रोत दैनिक जागरण।

नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। कोरोना महामारी के बाद आज पेश हो रहे बजट पर सबकी निगाहें टिकी हैं। बजट को लेकर जहां विपक्ष पैनी की नजर है, वहीं लोग सरकार से उम्‍मीद लगाए बैठे हैं। कोरोना महामारी के बाद देश की स्थिति भिन्‍न है। आर्थिक व्‍यवस्‍था पंगु हो चुकी है। देश में बेरोजगारी की स्थिति उत्‍पन्‍न हुई है। ऐसे में लोगों की निगाह सरकार के बजट पर टिकी है। आइए जानते हैं कि पिछले बजट में सरकार ने बुजुर्गों को क्‍या रियायत दी थी। इस बार सरकार से क्‍या उम्‍मीद हो सकती है। 

वर्ष 2020 के बजट में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए 9,500 करोड़ रुपये आवंटित किया था। बजट पेश करते वक्‍त उन्‍होंने कहा था कि इसमें दिव्यांगों और बुजुर्गों का भी खास ध्यान रखा गया है। दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए 9,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। सरकार ने साफ कहा कि दिव्यांगों और बुजुर्गों की बेहतरी में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। 

बजट 2020 में खास बात यह रही कि वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर टैक्स में  सीनियर और सुपर सीनियर सिटीजन के भेद को समाप्‍त कर दिया था। इसके पूर्व सीनियर और सुपर सीनियर सिटीजन के लिए टैक्‍स छूट की सीमा (बेसिक एग्‍जेम्पशन) ज्‍यादा रखी गई थी। वर्ष 2020 के बजट में यह अंतर समाप्‍त कर दिया गया। बजट 2020 में वित्‍त मंत्री आयकर टैक्स की नई व्‍यवस्‍था का प्रस्‍ताव दिया था। इसमें सभी को एक तराजू में तौला गया है। फिर चाहे वे सीनियर सिटीजन हों या कोई अन्‍य।

2020 के बजट के पूर्व टैक्‍स व्‍यवस्‍था में 7.5 लाख रुपये कमाने वाले किसी सीनियर सिटीजन को डिडक्‍शन/एक्‍जेम्‍पशन में कुल 1,12,500 रुपये क्‍लेम करने थे तभी उसकी टैक्‍स देनदारी नई व्‍यवस्‍था और पुरानी व्‍यवस्‍था में बराबर निकल सकती थी। दूसरी तरह से कह सकते हैं कि अगर कुल क्‍लेम किया जाने वाला डिडक्‍शन 1,12,500 रुपये से कम है तो उनकी टैक्‍स देनदारी नई व्‍यवस्‍था में कम होगी। हालांकि नई व्‍यवस्‍था वैकल्पिक है। इस स्‍कीम को हर साल बदला जा सकता है।

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