MSMEs के लिए 3 लाख करोड़ के कर्ज पर कैबिनेट की मुहर, जल्द शुरू होगा वितरण

बैंक MSMEs से अधिकतम 9.25 फीसद की दर से ब्याज ले सकेंगे।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Wed, 20 May 2020 07:43 PM (IST) Updated:Thu, 21 May 2020 07:25 AM (IST)
MSMEs के लिए 3 लाख करोड़ के कर्ज पर कैबिनेट की मुहर, जल्द शुरू होगा वितरण
MSMEs के लिए 3 लाख करोड़ के कर्ज पर कैबिनेट की मुहर, जल्द शुरू होगा वितरण

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एमएसएमइ (MSMEs) के लिए 3 लाख करोड़ के पूर्ण रूप से गिरवी मुक्त कर्ज की घोषणा पर बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने अपनी मुहर लगा दी। इसके साथ ही इस कर्ज के वितरण का रास्ता साफ हो गया। जल्द ही बैंकों के पास कर्ज वितरण के विस्तृत दिशा-निर्देश भेज दिए जाएंगे। इस कर्ज के लिए बैंक एमएसएमई से अधिकतम 9.25 फीसद की दर से ब्याज ले सकेंगे। एनबीएफसी एमएसएमई से 14 फीसद तक ब्याज दर ले सकेंगे। कोविड-19 राहत पैकेज के तहत पिछले सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई के लिए 3 लाख करोड़ के गिरवी मुक्त कर्ज देने का ऐलान किया था।

कैबिनेट के फैसले के मुताबिक 3 लाख करोड़ के इस कर्ज के लिए बुधवार को इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (इसीएलजीएस) को मंजूरी दी गई। इस स्कीम के तहत दिए जाने वाले कर्ज की 100 फीसद गारंटी नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) लेगी। सरकार इस कंपनी को मौजूदा और अगले तीन वर्षों के लिए 41,600 करोड़ रुपए का फंड मुहैया कराएगी। कैबिनेट के फैसले के मुताबिक स्कीम की घोषणा की तारीख से लेकर आगामी 31 अक्टूबर तक या 3 लाख करोड़ के कर्ज की मंजूरी तक जो पहले हो जाए, कर्ज आवंटन का काम जारी रहेगा। इस स्कीम के तहत कर्ज के लिए वे सभी एमएसएमई योग्य होंगे जिनका बकाया कर्ज इस साल 29 फरवरी तक 25 करोड़ रुपये तक था और उनका सालाना कारोबार 100 करोड़ तक का हो।

स्कीम के तहत मिलने वाले कर्ज की अवधि 4 साल होगी और एक साल तक मूलधन के भुगतान नहीं करने की भी छूट होगी। 

एनबीएफसी-एचएफसी की नकदी की समस्या के समाधान के लिए विशेष नकदी योजना मंजूर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और आवास वित्त कंपनियों (HFC) की नकदी की स्थिति में सुधार के लिए विशेष नकदी योजना शुरू करने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी। इसके तहत स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) के जरिए इन्हें वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी।

स्ट्रेस्ड संपत्ति फंड (एसएएफ) का प्रबंधन करने के लिए एक एसपीवी का गठन किया जाएगा जिसके विशेष प्रतिभूतियों की गारंटी भारत सरकार देगी और उसे सिर्फ भारतीय रिजर्व बैंक ही खरीदेगा। ऐसी प्रतिभूतियों की खरीद प्रक्रिया का इस्तेमाल एनबीएफसी-एचएफसी के लघु अवधि के ऋणों को हासिल करने के लिए एसपीवी ही करेगा। इस योजना को वित्तीय सेवा विभाग (डीइए) प्रभाव में लाएगा जो विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा।

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