चीनी उत्पादन में 28-29 मिलियन टन गिरावट का अनुमान, जानिए क्या है मुख्य वजह
महाराष्ट्र के अलावा उत्तर प्रदेश और कर्नाटक देश के अन्य दो प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य हैं।
नई दिल्ली, पीटीआ। महाराष्ट्र में खाद्य उत्पादन में तेज गिरावट की वजह से शुगर सीजन 2019-20 में देशभर में चीनी के उत्पादन में 12.38 फीसद गिरावट का अनुमान है, जिसके बाद यह 28-29 मिलियन टन होने की उम्मीद है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। 2018-19 विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान चीनी का उत्पादन 33.1 मिलियन टन रहा।
अधिकारी ने बताया, 'गन्ना उगाने वाले राज्यों से जानकारी लेने के बाद चालू वर्ष के लिए कुल चीनी उत्पादन 28-29 मिलियन टन आंका गया है।' अधिकारी ने कहा कि गिरावट की मुख्य वजह महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन में भारी गिरावट है, उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, हालांकि, इस बार बाढ़ और सूखे की वजह से उत्पादन में गिरावट की उम्मीद है।
अधिकारी ने कहा, 'इस साल महाराष्ट्र के चीनी उत्पादन में कम से कम 4 मिलियन टन की गिरावट होगी।' हालांकि, चीनी मिलों ने आंशिक रूप से पेराई शुरू कर दी है, लेकिन इसे 15 नवंबर से पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा। देश में लगभग 534 चीनी मिलें हैं। सरकार ने मौजूदा विपणन वर्ष के लिए गन्ने का उचित और पारिश्रमिक मूल्य (एफआरपी) 275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में किसानों को केंद्र द्वारा निर्धारित एफआरपी के आधार पर भुगतान किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि कृषि मंत्रालय के पहले अनुमान के अनुसार, गन्ने का उत्पादन भी 2019-20 के फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 377.77 मिलियन टन से कम होने का अनुमान है। उत्तर प्रदेश और कर्नाटक देश के अन्य दो प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य हैं।