आने वाले समय में शेयर बाजार ऊपर चढ़ेगा या आएगा नीचे, बता रहे हैं एक्सपर्ट; आपके लिए जानना है बेहद जरूरी

यूरोप में लॉकडाउन सेंटिमेंट से जुड़ा मुद्दा है। वहीं भारत की बात की जाए तो यह पूर्ण रूप से अनलॉक की ओर बढ़ रहा है। भारत में रिकवरी रेट 85 फीसद के आसपास है। ऐसे में यूरोप का लॉकडाउन बहुत अधिक महत्व नहीं रखता है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Sat, 17 Oct 2020 02:19 PM (IST) Updated:Sun, 18 Oct 2020 06:11 PM (IST)
आने वाले समय में शेयर बाजार ऊपर चढ़ेगा या आएगा नीचे, बता रहे हैं एक्सपर्ट; आपके लिए जानना है बेहद जरूरी
चीन की धमकी अब रोज की बात हो गई है और बाजार को अब इससे कुछ खास फर्क नहीं पड़ता।

नई दिल्ली, किशोर ओस्तवाल। Nifty मंगलवार को करीब 12,000 के स्तर तक पहुंच गया था। हालांकि, तीन कारणों से वह गिरकर 11,650 अंक के स्तर के आसपास आ गया। यूरोप में नए सिरे से लॉकडाउन की आशंका, चीन द्वारा युद्ध की धमकी और मुकेश अंबानी को लंदन के एक अस्पताल में भर्ती कराए जाने की कोरी अफवाह को इनका कारक बताया गया। आइए हम इस बात का विश्लेषण करते हैं कि इस तरह की अफवाहों से बाजार कैसे टूट जाते हैं। 

हमने आपको बताया था कि कॉल और पुट की वजह से हर एक्सपायरी के समय 50,000 से एक लाख करोड़ रुपये तक का बिजनेस होता है। जब कॉल ऊपर चढ़ता है और Nifty में बढ़त रहती है तो लोग कॉल चुनते हैं और प्रीमियम के साथ कॉल खरीदते हैं। इसकी वजह है कि बहुत अधिक मार्जिन की वजह से लोग फ्यूचर्स मार्केट में जाना अफोर्ड नहीं कर पाते हैं। इस वजह से ट्रेडर्स ऑप्शन मार्केट की ओर अपना झुकाव दिखाते हैं। 

आप परिकल्पना कीजिए कि उन्हें कितनी लागत बैठ रही है। निफ्टी जब 11,712 के स्तर पर था तो 11,700 के कॉल की ट्रेडिंग 140 रुपये के प्रीमियम पर हो रही थी। इसका मतलब यह है कि अगर ट्रेडर को 11,700 के कॉल पर पैसे बनाने हैं तो निफ्टी के 11,800 अंक के स्तर से ऊपर जाने पर उसका प्रीमियम 140 रुपये 180 रुपये पर पहुंचेगा और उसे 40 रुपये का फायदा होगा।  

अब इस बात को ऐसे देखते हैं कि अगर निफ्टी चार दिन में 11,800 अंक के स्तर पर नहीं पहुंचता है तो 140 रुपये का प्रीमियम जीरो हो जाता है। हर सीरीज में कम-से-कम 70 लाख शेयरों को लेकर दिलचस्पी दिखायी जाती है। इसका मतलब ये है कि एक सीरीज में 100 करोड़ रुपये का प्रीमियम उतार-चढ़ाव पैदा करने वालों के पॉकेट में चला जाता है। वे इसी के लिए काफी अधिक उतार-चढ़ाव का माहौल तैयार करते हैं। ऐसे में यह कसिनो के जैसा हो जाता है, जहां 100 प्रतिभागियों में 99 हार जाते हैं और केवल एक व्यक्ति की जीत होती है। आप अगर बाजार को ड्राइव करते हैं या बहुत सौभाग्यशाली हैं तो ही आपको इसमें सफलता मिलती है। केवल इसी वजह से बाजार में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।  

आइए अब हम अन्य कारकों का विश्लेषण करते हैं:

यूरोप में लॉकडाउन सेंटिमेंट से जुड़ा मुद्दा है। वहीं, भारत की बात की जाए तो यह पूर्ण रूप से अनलॉक की ओर बढ़ रहा है। भारत में रिकवरी रेट 85 फीसद के आसपास है। दूसरी ओर, कुल सक्रिय मामले आठ लाख के आसपास सिमट गए हैं। ऐसे में यूरोप का लॉकडाउन बहुत अधिक महत्व नहीं रखता है। अब पारस्परिक संबंध देखिए। बुधवार को यूरोपीय बाजार महज एक फीसद से 1.4 फीसद तक टूटे लेकिन भारतीय बाजार 2.5 फीसद से ज्यादा लुढ़क गए। यह समानुपातिक नहीं था। यह पूरी तरह निफ्टी की साप्ताहिक एक्सपायरी से जुड़ा हुआ था। यह गिरावट महज एक घंटे के भीतर देखने को मिली। वहीं, इससे एक दिन पहले बाजार में काफी तेजी देखने को मिली थी।  

चीन की धमकी अब रोज की बात हो गई है और उत्तर कोरिया के मुद्दे की तरह बाजार को अब इससे कुछ खास फर्क नहीं पड़ता।  

अब मुकेश अंबानी के स्वास्थ्य की बात करते हैं। यह अफवाह सोशल मीडिया और WhatsApp के जरिए फैलायी गई थी। यह बाजार में पैनिक और भय के सबसे प्रमुख कारक के तौर पर उभरा था। RIL के शेयर तीन से चार फीसद तक टूट गए, जिसका वेटेज 16 फीसद के आसपास है। यह वास्तव में बाजार को तोड़ने के लिए खेला गया सबसे गंदा खेल था। मुख्य रूप से इस अफवाह की वजह से भारतीय बाजार 2.5 फीसद तक टूट गए थे।

हालांकि, अगर ये पहलू इतने गंभीर थे तो बाजार शुक्रवार को 350 अंक नहीं चढ़ता। ऐसे में हम इस तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचते हैं कि ये बढ़त और गिरावट केवल साप्ताहिक एक्सपायरी से जुड़े लाभ प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। इससे पहले एक महीने पर एक्सपायरी होती थी इसलिए कम उतार-चढ़ाव देखने को मिलता था।  आपके पास कोई विकल्प नहीं है। आने वाले समय हो सकता है कि आपको निफ्टी पर डेली एक्सपायरी देखने को मिली। सबसे बड़ी बात यह है कि किसी के स्वास्थ्य के बारे में अफवाह फैलाकर उथल-पुथल पैदा करना अनैतिक है। 

जानिए आगे क्या रहेगी बाजार की चाल

अब आगे हमारा मानना यह है कि निफ्टी 12,450 अंक के स्तर को पार करेगा और नए उच्च स्तर को छुएगा। Dow भी नए उच्च स्तर को छू सकता है। बैंक निफ्टी भी पहले 26,000 के स्तर पर पहुंचेगा और फिर 30,000 को छुएगा। ट्रेंडलाइन की बात की जाए तो यह बुल को दिखलाता है। अब ऐसा समय आ गया है, जब मिडकैप स्टॉक्स में तेजी देखने को मिल सकती है क्योंकि अधिकतर स्टॉक अपने सपोर्ट लेवल तक पहुंच चुके हैं। मिड कैप के लिए अगले दो सप्ताह काफी उत्साहजनक साबित हो सकते हैं। 

ऐसे में अगर आपके पास कई गुना रिटर्न देने वाले स्टॉक हैं तो उन्हें एक साल तक के लिए होल्ड करके रखिए। वे आपको काफी अच्छा रिटर्न देंगे।

(लेखक सीएनआई रिसर्च के सीएमडी हैं। प्रकाशित विचार लेखक निजी हैं।)

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