अब छिप नहीं पाएंगे पर्दे के पीछे से कंपनी पर नियंत्रण रखने वाले शेयरधारक

कंपनी के मालिकाना हक से संबंधित कानून में एक संशोधन के तहत जिन शेयरधारकों के पास 10 फीसद या इससे ज्यादा शेयर होंगे उन्हें फॉर्म BEN-2 में अपने हिस्सेदारी की जानकारी देनी है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Thu, 11 Jul 2019 10:20 AM (IST) Updated:Fri, 12 Jul 2019 09:27 AM (IST)
अब छिप नहीं पाएंगे पर्दे के पीछे से कंपनी पर नियंत्रण रखने वाले शेयरधारक
अब छिप नहीं पाएंगे पर्दे के पीछे से कंपनी पर नियंत्रण रखने वाले शेयरधारक

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पर्दे के पीछे से कंपनी पर नियंत्रण रखने वाले शेयरधारक अब छिप नहीं पाएंगे। कंपनी के मालिकाना हक से संबंधित कानून में एक संशोधन के तहत के तहत जिन शेयरधारकों के पास 10 फीसद या इससे ज्यादा शेयर होंगे उन्हें फॉर्म बीईएन-2 में अपने हिस्सेदारी की जानकारी देनी होगी। इससे स्पष्ट होगा कि कंपनी पर वास्तविक नियंत्रण किनका है। यह फॉर्म इस माह के अंत तक जमा करना है।

बहुत सी कंपनियों में कई ऐसे शेयरधारक होते हैं जिनका नाम कंपनी के शेयर रजिस्टर में नजर नहीं आता, जबकि उनके पास बड़ी संख्या में कंपनी के शेयर होते हैं। इस तरह वे पर्दे के पीछे से कंपनी का स्वामित्व अपने हाथों में रखते हैं। अन्य कंपनियों में भी उनका बड़ा हिस्सा होता है और वह कंपनी किसी अन्य कंपनी में शेयरधारक होती है। इस तरह वह व्यक्ति तीसरी कंपनी का अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रण रखता है।

कई बार यह चेन कई कंपनियों तक चलती है। इसे देखते हुए कंपनी (सिग्निफिकेंट बेनिफिशियल ओनरशिप) संशोधन, 2019 लाया गया है। इसके मुताबिक फॉर्म बीईएन-2 जमा नहीं करने वालों पर एक लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा।

इन्हें भरना होगा फॉर्म

ऐसा व्यक्ति जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कंपनी के 10 फीसद या उससे अधिक शेयर का स्वामित्व रखता हो।

उसे 10 फीसद या अधिक मताधिकार हासिल हो।

वह 10 फीसद या अधिक लाभांश पाने का अधिकारी हो।

किसी अनुबंध के तहत कंपनी पर मुख्य नियंत्रण रखता हो।

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