शेयर ब्रोकरों के लिए साइबर सुरक्षा नियम लाएगा SEBI, निवेशकों के हित में लिया गया फैसला
सेबी के इस फैसले का मकसद शेयर ब्रोकर के साथ-साथ ग्राहकों के हितों की रक्षा करना है। इसमें वे उपाय और प्रक्रियाएं शामिल हो सकते हैं जो साइबर हमले को रोकने और साइबर मजबूती के मामले में सुधार कर सकते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बाजार नियामक सेबी शेयर ब्रोकरों के लिए साइबर सुरक्षा नियम लाने की तैयारी में है। इससे साइबर धोखाधड़ी, आंकड़ों की चोरी और ट्रेडिंग खातों की हैकिंग के जोखिम की आशंका कम होगी। इससे शेयर धारकों को भी लाभ होगा।
एसोसिएशन आफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स आफ इंडिया (एएनएमआइ) के प्रेसिडेंट कमलेश शाह ने कहा कि साइबर सुरक्षा को लेकर नियम का मकसद शेयर ब्रोकर के साथ-साथ उनके ग्राहकों के हितों की रक्षा करना है। इसमें वे उपाय, प्रक्रियाएं और उपकरण शामिल हो सकते हैं, जो साइबर हमले को रोकने और साइबर मजबूती के मामले में सुधार को लेकर मददगार हैं।
दिशानिर्देश के लिए बनाई समिति
सेबी ने दिशानिर्देश तैयार करने के लिए एक समिति बनाई है, जिसमें नियामक, शेयर बाजार और एएनएमआइ के प्रतिनिधि शामिल हैं। प्रतिभूति बाजार में तेजी से हो रहे तकनीकी विकास से आंकड़ों की सुरक्षा और निजता बनाए रखने की एक चुनौती है। इसको देखते हुए शेयर ब्रोकरों के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा और साइबर मजबूती की जरूरत है।
व्यवस्था सुधारने की कोशिश
शाह ने कहा, 'शेयर ब्रोकर के पास निवेशकों के बहुत सारे महत्वपूर्ण आंकड़े होते हैं और यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे ऐसी सूचना को साइबर धोखाधड़ी तथा ट्रेडिंग खातों की हैकिंग के जोखिम से बचाएं, ताकि निवेशकों को इसके कारण नुकसान उठाना नहीं पड़े।' उन्होंने कहा कि समिति दिसंबर के अंत तक दिशानिर्देश का मसौदा सेबी को दे सकती है लेकिन अंतिम रूप से नियमों के क्रियान्वयन में कम-से-कम एक साल का समय लग सकता है।
बदला स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति का नियम
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति से संबंधित नियमों में कल बदलाव किया है। सेबी ने कहा है कि निदेशकों की नियुक्ति और उन्हें हटाने की प्रक्रिया लचीली बनाई जाएगी। नई व्यवस्था के तहत स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति और उनका निष्कासन दो मापदंडों के माध्यम से किया जा सकता है- सामान्य समाधान और अल्पसंख्यक शेयरधारकों के बहुमत के जरिए वर्तमान में, स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति, पुनर्नियुक्ति या निष्कासन एक विशेष प्रस्ताव के माध्यम से किया जाता है। विशेष प्रस्ताव पारित करने के लिए कंपनी के बोर्ड से 75 प्रतिशत वोटों की आवश्यकता होती है।
ये भी पढ़ें-
SEBI ने किया नियमों में संशोधन, बदल जाएगा स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति और उन्हें हटाने का तरीका
SEBI ने बांबे डाइंग और नेस वाडिया पर लगाया प्रतिबंध