सऊदी अरब की अरामको लाएगी दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ, अलीबाबा का रिकॉर्ड तोड़ने की है तैयारी

दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ सऊदी अरब के स्वामित्व वाली तेल कंपनी सऊदी अरामको बाजार में लाने वाली है।

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Sat, 04 Mar 2017 03:07 PM (IST) Updated:Sat, 04 Mar 2017 03:09 PM (IST)
सऊदी अरब की अरामको लाएगी दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ, अलीबाबा का रिकॉर्ड तोड़ने की है तैयारी
सऊदी अरब की अरामको लाएगी दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ, अलीबाबा का रिकॉर्ड तोड़ने की है तैयारी

नई दिल्ली। सऊदी अरब के स्वामित्व वाली तेल कंपनी सऊदी अरामको जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। जानकारी के मुताबिक अरामको चीन की दिग्गज ई कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के वर्ष 2014 में 1.6 लाख करोड़ के आईपीओ के रिकॉर्ड को निश्चित तौर पर तोड़ देगी।

सऊदी अरब सरकार अपने स्वामित्व वाली तेल कंपनी सऊदी अरामको का 5 फीसद बेचना चाहती है। माना जा रहा है कि शेयर की कीमत 6.7 लाख करोड़ रुपये के आसपास होगी। यह अबतक के सबसे महंगे आईपीओ अलीबाबा का चार गुना है। शेयर को बेचने के कारण से कंपनी की वैल्यू 2 ट्रिलियन डॉलर के आसपास होगी। यह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एप्पल, बर्कशायर हैथवे, फेसबुक और जेपी मॉर्गन से कई ज्यादा बड़ी बन जाएगी।

रेस में कौन कौन से स्टॉक एक्सचेंज शामिल है

सऊदी अरब के घरेलू स्टॉक एक्सचेंज टडावुल पर सऊदी आर्मको की लिस्टिंग होगी। इतने बड़े आईपीओ की लोकल एक्सचेंज के साथ-साथ अरामको को एक और एक्सचेंज में भी लिस्ट कराया जाएगा। इसकी वजह से वैश्विक एक्सचेंज इस कंपनी को लिस्ट कराने की दौड़ में लग चुके हैं। इस रेस अभी हांग कांग, सिंगापुर, न्यू यॉर्क, टोरंटो, लंदन और तोक्यो में शामिल हैं।

सऊदी अरब को आईपीओ की क्यों पड़ी जरूरत?

सऊदी अरब अपनी अर्थव्यवस्था की तेल पर निर्भरता कम करना चाहता है। सऊदी अरामको आईपीओ के जरिए मिलने वाली राशि पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड में जाएगी, इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था में विविधता लाना है। इस पैसे का उपयोग 2030 के नाम से प्लान के तहत किया जाएगा।

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