एनसीएलटी में एस्सार स्टील के प्रमोटरों ने दायर की नई याचिका

कर्ज में दबी कंपनी एस्सार स्टील की समाधान योजना लागू होने में और देरी हो सकती है।

By NiteshEdited By: Publish:Tue, 05 Feb 2019 10:12 AM (IST) Updated:Tue, 05 Feb 2019 10:12 AM (IST)
एनसीएलटी में एस्सार स्टील के प्रमोटरों ने दायर की नई याचिका
एनसीएलटी में एस्सार स्टील के प्रमोटरों ने दायर की नई याचिका

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कर्ज में दबी कंपनी एस्सार स्टील की समाधान योजना लागू होने में और देरी हो सकती है। पूरा बकाया कर्ज लौटाने का प्रस्ताव रद होने के बाद कंपनी के प्रमोटर प्रशांत रुइया ने नई याचिका नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) की स्थानीय बेंच में दायर की है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए आर्सेलरमित्तल की बोली को रद करने की मांग की गई है।

एनसीएलटी में एक फरवरी को यह याचिका रुइया के अलावा एस्सार स्टील के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर दिलीप ओमेन और इसके प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजीव कुमार भटनागर ने दायर की है। पिछले 29 जनवरी को एनसीएलटी की अहमदाबाद बेंच द्वारा प्रमोटरों की ओर से एस्सार स्टील होल्डिंग्स के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था। रुचि सोया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर एनसीएलटी ने एस्सार स्टील होल्डिंग्स के ज्यादा राशि 54,389 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

नई याचिका के अनुसार दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने के बाद ओमेन और भटनागर को उनके पद से हटा दिया गया था। इसके बावजूद वे कंपनी के रोजमर्रा का कामकाज देख रहे प्रबंधन में हैं और अपने पदों पर बने हुए हैं। मनोरमा कुमारी और हरिहर प्रकाश चतुर्वेदी वाली एनसीएलटी की बेंच ने कहा कि याचिका को स्वीकार करने के बारे में वह मंगलवार को फैसला करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने रुचि सोया के केस में 31 जनवरी को कहा था कि कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) को दिवालिया पर होने वाली समूची प्रक्रिया और समाधान योजना को मंजूरी देने में निलंबित निदेशक बोर्ड को शामिल करना आवश्यक है। एस्सार स्टील के प्रमोटरों ने याचिका में दावा किया कि कंपनी की दिवालिया प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का पालन नहीं किया गया, इसलिए आर्सेलरमित्तल की कम रकम वाली बोली स्वीकार करने के फैसले को खारिज किया जाए। याचिका में अनुरोध किया गया कि एस्सार स्टील के रिजोल्यूशन प्रोफेशनल को सीओसी की बैठक बुलाने का निर्देश दिया जाए। बैठक में सभी प्रस्तावों पर विचार करने के बाद वोटिंग के जरिये फैसला किया जाए। एस्सार स्टील के लिए प्राप्त समाधान योजनाओं की प्रतियां दिलाने की भी याचिका में मांग की गई है।

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट टिब्यूनल (एनक्लैट) ने एनसीएलटी की अहमदाबाद बेंच को आर्सेलरमित्तल की 42,000 करोड़ रुपये की समाधान योजना के बारे में 11 फरवरी तक फैसला करने का निर्देश दिया है। अगर वह फैसला नहीं कर पाती है तो वह पूरा रिकॉर्ड मंगाकर खुद फैसला सुनाएगी। एनक्लैट ने निर्देश दिया कि समाधान योजना का विरोध कर रहे स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के अलावा वित्तीय लेनदारों और प्रमोटरों के तर्क पांच कार्य दिवसों में सुनें और फैसला करें। उसे विस्तृत जिरह में जाने की आवश्यकता नहीं है। 

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