अप्रैल में CPI रहा 4.58 फीसद, महंगे पेट्रोल ने थोक महंगाई को बढ़ाया

अप्रेैल महीने में खुदरा महंगाई दर में तेजी दर्ज की गई है

By Surbhi JainEdited By: Publish:Mon, 14 May 2018 06:00 PM (IST) Updated:Tue, 15 May 2018 07:38 AM (IST)
अप्रैल में CPI रहा 4.58 फीसद, महंगे पेट्रोल ने थोक महंगाई को बढ़ाया
अप्रैल में CPI रहा 4.58 फीसद, महंगे पेट्रोल ने थोक महंगाई को बढ़ाया

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अप्रैल महीने में अनाज, मीट, मछली और फलों की कीमत बढ़ने के चलते खुदरा महंगाई बढ़कर 4.58 प्रतिशत हो गयी है जबकि मार्च में यह 4.28 प्रतिशत थी। खुदरा महंगाई में उतार-चढ़ाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति तय करते समय इसको संज्ञान में लेता है। इसलिए अब रिजर्व बैंक के लिए ब्याज दरों को नीचे लाना मुश्किल होगा। पिछले साल अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 2.99 प्रतिशत थी।  ये डेटा केंद्रीय सांख्यिकी विभाग की ओर से जारी किया गया है।

खुदरा महंगाई दर इस साल जनवरी से लगातार घट रही थी लेकिन अप्रैल में प्रोटीनयुक्त वस्तुओं जैसे मीट और मछली के भाव बढ़ने के चलते इसमें वृद्धि हुई है। इसी तरह फलों की महंगाई दर भी अप्रैल में 9.65 प्रतिशत रही जबकि मार्च में यह 5.78 प्रतिशत थी।

खाने पीने की चीजें हुईं सस्ती: अप्रैल महीने के दौरान खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर घटी है। महीने दर महीने आधार पर अप्रैल में खाद्य महंगाई दर 2.81 फीसदी से घटकर 2.80 फीसद पर आ गई है। महीने दर महीने आधार पर अप्रैल में सब्जियों की महंगाई दर मार्च के 11.70 फीसद से घटकर 7.29 फीसद रही है, जो कि फरवरी महीने में 17.57 फीसद रही थी। वहीं दालों की महंगाई दर (-)12.35 फीसद रही है, जो कि मार्च महीने में (-) 13.4 फीसद रही थी। हालांकि महीने दर महीने आधार पर अप्रैल में अनाज की महंगाई दर 2.18 फीसद से बढ़कर 2.56 फीसद रही है।

इसके अलावा फ्यूल एवं लाइटनिंग से जुड़ी महंगाई दर में भी तेजी देखने को मिली है। अप्रैल महीने में यह 5.24 फीसद के स्तर पर रही है जो कि मार्च में 5.73 फीसद रही थी। वहीं महीने दर महीने के आधार पर अप्रैल में ईंधन और बिजली का महंगाई दर 5.7 फीसद से घटकर 5.24 फीसदी रही है। हाउसिंग इन्फ्लेशन की बात की जाए तो इसमें तेजी दर्ज की गई है। अप्रैल महीने में 8.31 फीसद से बढ़कर 8.50 फीसद के स्तर पर आ गई है।

पेट्रोल-डीजल ने भड़काई आग: लगातार महंगे हो रहे पेट्रोल-डीजल ने लंबे अरसे से ठंडी पड़ी महंगाई की आग को सुलगाना शुरू कर दिया है। हाल यह है कि अप्रैल में पेट्रोल-डीजल, फल और सब्जियां महंगे होने से थोक महंगाई दर बढ़कर 3.18 फीसद हो गई है जो चार माह के उच्चतम स्तर पर है। इसी तरह अनाज, मीट, मछली और फलों की कीमत बढ़ने से खुदरा महंगाई भी गिरावट के रुख को छोड़कर फिर बढ़ने लगी है। खुदरा महंगाई दर अप्रैल में बढ़कर 4.58 प्रतिशत हो गयी है जबकि मार्च में यह 4.28 प्रतिशत थी। इस बीच कर्नाटक में मतदान के दो दिन बाद सरकारी तेल कंपनियों ने 20 दिन के अंतराल के बाद पेट्रोल की कीमत में 17 पैसे और डीजल में 21 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव भी 77 डालर प्रति बैरल के ऊपर बने हुए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में महंगाई आगे भी परेशान करती रह सकती है।

थोक महंगाई 4 महीने की ऊंचाई पर:

अप्रैल महीने में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर 2.47 फीसद से बढ़कर 3.18 फीसद पर आ गई है। इसके 2.92 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया था। ये डेटा केंद्रीय सांख्यिकी विभाग की ओर से जारी किया गया है। गौरतलब है कि मार्च में WPI इंडेक्स 2.47 फीसद पर रहा था।

अप्रैल महीने में सब्जियों से जुड़ी महंगाई दर (-) 2.7 से बढ़कर (-) 0.89 फीसद पर आ गई। वहीं खाद्य महंगाई दर (-) 0.07 फीसद से बढ़कर 0.67 फीसद पर आ गई। दालों की महंगाई दर (-)20.58 फीसद से बढ़कर (-) 22.46 फीसद पर रही है। हालांकि प्याज की महंगाई दर ने थोड़ी राहत दी है। अप्रैल महीने में यह 42.12 फीसद से घटकर 13.62 फीसद पर आ गई है। वहीं अप्रैल के दौरान प्राइमरी आर्टिकल्स से जुड़ी महंगाई दर 0.24 फीसद से बढ़कर 1.41 फीसद रही है।

chat bot
आपका साथी