मई में खुदरा महंगाई दर में गिरावट
अप्रैल में कारखानों की धीमी रफ्तार और मई में खुदरा महंगाई की दर में हुई कमी ने रिजर्व बैंक पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव बढ़ा दिया है। अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार दो फीसद पर ही सिमट गई है, जबकि सरकार खुद ढाई फीसद की वृद्धि का अनुमान लगाए बैठी थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अप्रैल में कारखानों की धीमी रफ्तार और मई में खुदरा महंगाई की दर में हुई कमी ने रिजर्व बैंक पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव बढ़ा दिया है। अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार दो फीसद पर ही सिमट गई है, जबकि सरकार खुद ढाई फीसद की वृद्धि का अनुमान लगाए बैठी थी। खनन उद्योग ने कारखानों की रफ्तार धीमी रहने में अहम भूमिका निभाई है। खनन क्षेत्र की वृद्धि दर शून्य से तीन फीसद नीचे चली गई है।
दूसरी तरफ, मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र अप्रैल 2013 में 2.8 फीसद की रफ्तार से बढ़ा है। लेकिन टीवी फ्रिज वाशिंग मशीन जैसे उत्पाद बनाने वाले कंज्यूमर ड्यूरेबल उद्योग के उत्पादन में 8.3 फीसद की कमी हुई है।
खुदरा महंगाई की दर में मई 2013 में और कमी हुई है। मई में यह 9.31 फीसद पर आ गई है। अप्रैल में ही यह 9.39 फीसद थी। खाद्य तेलों और अंडा, मांस मछली जैसे प्रोटीन उत्पादों की कीमतों में कमी के चलते खुदरा महंगाई की दर कम हुई है। मार्च 2013 खुदरा महंगाई की दर 10.39 फीसद रही थी।
-सरकार की उम्मीदों के विपरीत अप्रैल में कारखानों की रफ्तार थमी
-औद्योगिक उत्पादन में सरकार को बड़ा झटका
-अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन की दर दो फीसद पर रुकी,
-खनन उद्योग के उत्पादन में तीन फीसद की कमी आई
-मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग की रफ्तार 2.8 फीसद रही
- कैपिटल गुड्स की रफ्तार एक फीसद पर रुकी
-महंगाई के चलते कंज्यूमर ड्यूरेबल गुड्स क्षेत्र के उत्पादन में 8.3 फीसद की तेज गिरावट